Saamana On BRS: 'बीजेपी की बी टीम', सामना में केसीआर पर तीखा वार, लिखा- हैदराबाद से ओवैसी की जगह भेजा गया
BRS In Maharashtra: तेलंगाना सीएम केसीआर सोमवार को महाराष्ट्र के पंढरपुर पहुंचे थे, जहां कई नेता उनकी पार्टी में शामिल हुए. इस दौरान बीआरएस नेता ने रैली को भी संबोधित किया था.
Saamana On BRS: भारत राष्ट्र समिति (BRS) के नेता केसीआर महाराष्ट्र में अपनी पार्टी का विस्तार करने में जुटे हैं. सोमवार, 26 जून को 600 गाड़ियों के काफिले के साथ महाराष्ट्र के पंढरपुर पहुंचे थे. इस पर शिवसेना (यूबीटी) बरस पड़ी है. केसीआर पर शिवसेना यूबीटी के मुखपत्र सामना में जमकर हमला बोला गया है. उन्हें बीजेपी की बी टीम बताते हुए कहा, ओवैसी के बाद हैदराबाद से एक और दल को महाराष्ट्र भेजा गया है.
सामना में लिखा गया है कि बीआरएस चुनाव में उतरकर वोटों का बंटवारा करेगी जिससे बीजेपी को फायदा होगा. यही उनका काम है. कहा गया कि केसीआर ये सब कुछ क्या अपनी बेटी कविता को ईडी की रडार से बचाने के लिए कर रहे हैं.
बीजेपी को फायदा पहुंचाएंगे केसीआर- सामना
सामना में लिखा है कि “केसीआर की बेटी कविता को दिल्ली में शराब घोटाला मामले में ‘ईडी’ ने पूछताछ के लिए बुलाया था. कविता ने दिल्ली की ‘आप’ सरकार और तेलंगाना में कुछ शराब ठेकेदारों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई और इसके लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों ने केसीआर की बेटी के खिलाफ जांच शुरू की. जिसके बाद केसीआर ने कहा था कि केंद्रीय जांच एजेंसी दबाव की राजनीति कर रही है, लेकिन हम उनके सामने नहीं झुकेंगे, हम लड़ते रहेंगे. लेकिन वे जो राजनीतिक कदम उठा रहे हैं, वो ऐसे हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी को फायदा पहुंचाएंगे.
बीजेपी पर लगाया केसीआर को भेजने का आरोप
इसमें आगे कहा गया है कि तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद है और 2019 से बीजेपी के लिए वोट बंटवारे का काम कर रहे ओवैसी का ‘मुख्यालय’ भी हैदराबाद में है. वोटों का विभाजन करने के लिए ओवैसी महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में चले गए. उन्होंने अपना काम बखूबी किया, लेकिन औवैसी की चाल समझ में आने के बाद यह साफ है कि मुस्लिम और दलित एमआईएम के झांसे में नहीं आएंगे. तो क्या इसीलिए बीजेपी ने अब ओवैसी की जगह केसीआर को उतारा है? क्या केसीआर और उनकी पार्टी बीजेपी की ‘बी’ टीम के तौर पर काम कर रही है?
लेख में बीजेपी पर केसीआर का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है. सामना ने लिखा है कि ये पार्टी (बीआरएस) महाराष्ट्र में चुनाव लड़ेगी या फिर वोट विभाजन करके बीजेपी की राजनीतिक मदद करेगी, यह चाल स्थानीय लोगों को समय रहते पहचान लेनी चाहिए.
लेकिन कुल मिलाकर तस्वीर यह है कि उनकी पार्टी भारत राष्ट्र समिति बीजेपी के लिए वोट बंटवारे की ‘कालीन’ बिछाने का काम करेगी. सच्चाई तो यह है कि तेलंगाना में केसीआर की पार्टी के पैरों तले जमीन खिसक रही हैै. अगर वे इस बात का बदला महाराष्ट्र में ले रहे हैं, तो वे राष्ट्रीय हित को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
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