तिरुवनंतपुरमः केरल के सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के बाद हिंसक प्रदर्शन लगातार जारी है. दोनों गुटों के लोग एक दूसरे पर हमले कर रहे हैं. राज्य में तनाव की स्थिति बनी हुई है. स्थिति को सामान्य करने के लिए पुलिस मार्च कर रही है. हालांकि स्थिति अभी तक काबू में नहीं हो पाई है. कन्नूर जिले में हिंसा फैलाने के आरोप में 33 लोगों को हिरासत में लिया गया है.


सूबे के पथनमथिट्टा जिले में हमला करने के मामले में 76 केस दर्ज हुए है जबकि 25 लोगों को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है और 200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में रखा है. हमले के आरोप में पुलिस ने 110 लोगों को गिरफ्तार भी किया है.





कन्नूर जिले में सीपीएम के विधायक एएन शमशेर के घर पर कुछ अज्ञात लोगों ने देसी बम से हमला किया. घटना रात करीब 10 बजे की बताई जा रही है. विधायक समशेर का कहना है कि यह हमला दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने की है. ये वो लोग हैं जो शांति व्यवस्था को भंग करना चाहते हैं. पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है.





बता दें कि राज्य में हिंसक घटनाएं तभी से बढ़ गई जब दो जनवरी को 50 साल से कम उम्र की दो महिलाएं मंदिर में प्रवेश कर गई थी. महिलाओं के प्रवेश के बाद राज्य के कई इलाकों में हिंसा की घटनाएं देखने को मिल रही है. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी-आरएसएस और दक्षिणपंथी संगठनों की झड़प सत्तारूढ़ सीपीएम पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ हुई.


त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) ने सबरीमला मंदिर के मुख्य पुजारी से दो महिलाओं बिंदू (42) और कनकदुर्गा (44) के दो जनवरी को प्रवेश के बाद मंदिर बंद करने तथा इसका शुद्धिकरण करने के उनके निर्णय के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है.


मुख्यमंत्री पिनराई विजयन कार्यालय में सूत्रों और पुलिस ने इस बात की पुष्टि की कि 47 वर्ष की श्रीलंकाई महिला शशिकला ने वास्तव में मंदिर में प्रवेश किया और पूजा की. दरअसल इस महिला ने दावा किया था कि पुलिस ने उसे वापस भेज दिया था और वह पूजा नहीं कर पाई.



हालांकि यह साफ नहीं है कि क्या महिला गर्भगृह तक पहुंचने के लिये ''पदीनेट्टमपदी'' (पवित्र 18 सीढ़ियां) चढ़ी थी. तिरूवनंतपुरम के बाहरी क्षेत्र करेत्ते में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विजयन ने बीजेपी और आरएसएस का मजाक भी उड़ाया.


विजयन ने संघ परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे राज्य की शांति एवं एकता को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं. केरल में हिंसा की घटनाओं शुक्रवार को भी जारी रहीं और गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर देसी बम और पत्थर फेंके.


पुलिस ने बताया कि मालाबार देवस्वओम (मंदिर प्रशासन) बोर्ड के सदस्य के शशिकुमार के कोझिकोड में पेरम्ब्रा स्थित घर पर शुक्रवार तड़के देसी बम फेंके गये. उन्होंने बताया कि पथनमथिट्टा में अडूर में मोबाइल की एक दुकान पर भी इसी तरह के विस्फोटक फेंके गये.



पुलिस ने बताया कि अभी तक करीब 1718 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और हिंसक प्रदर्शनों के संबंध में 1108 मामले दर्ज किये गये हैं. बृहस्पतिवार को हिंदू समर्थक संगठनों ने सुबह से शाम तक हड़ताल का आह्वान किया था. उन्होंने बताया कि इस वक्त 1009 लोग एहतियातन हिरासत में हैं.


पुलिस ने बताया है कि इस हिंसक झड़प में 132 पुलिसकर्मियों और 10 मीडियाकर्मियों सहित 174 लोग घायल हुए हैं. इस बीच, शुक्रवार सुबह करीब छह बजे पंबा पहुंचीं ट्रांसजेंडर को पुलिस ने लौटा दिया और श्रद्धालुओं के प्रदर्शन के कारण उन्हें मंदिर परिसर के अंदर नहीं जाने दिया.


उन्होंने बताया कि कायल साड़ी में आयी थीं और बाद में उन्होंने पुरुषों के कपड़े पहन लिये और ''इरुमुदीकेट्टू'' के साथ मंदिर के अंदर जाने की कोशिश करने लगीं. चार ट्रांसजेंडरों ने हाल में काली साड़ी पहनकर सबरीमला में पूजा की थी.


जब से एलडीएफ सरकार ने पवित्र मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने का फैसला किया है तब से मंदिर परिसर में दक्षिणपंथी संगठनों, बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ताओं का जबरदस्त विरोध झेलना पड़ रहा है.



बता दें कि ऐसी परंपरा है कि मंदिर में 10-50 साल की महिलाओं का प्रवेश मना है. लेकिन, इतिहास तोड़ते हुए करीब 40 साल की दो महिलाओं बिंदु और कनकदुर्गा ने दो जनवरी तड़के मंदिर में पूजा की थी. दोनों महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को केरल में हिंसक घटनाएं और प्रदर्शन हुए.


पुलिस ने बताया कि कन्नूर में देसी बम से हमले की चार घटनाएं दर्ज की गयीं. राजनीतिक रूप से अस्थिर जिले में एमसीपी और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच लगातार संघर्ष होते रहे हैं. उन्होंने बताया कि कन्नूर में स्थानीय बीजेपी के कार्यालय को बदमाशों ने आग के हवाले कर दिया.


पथनमथिट्टा, कन्नूर, कोझिकोड और तिरुवनंतपुरम में सत्तारूढ़ सीपीएम और बीजेपी कार्यकर्ताओं के घरों पर हमले हुए और पथराव किया गया. देसी बम फेंकने और पथराव करने, सड़कों पर हंगामा करने, पुलिस और राजनीतिक विरोधियों के साथ लड़ाइयों में कई लोग घायल हुए हैं.


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