तिरूवनंतपुरम: केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाने को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल सुनवाई करने से इंकार कर दिया है. याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी इस मामले की सुनवाई नहीं होगी. जनवरी में सुनेंगे. अभी कोई आदेश नहीं देंगा. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने सबरीमला मामले में न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने की मांग करने वाले वकील से 22 जनवरी तक इंतजार करने को कहा, जब संविधान पीठ पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. मामले का उल्लेख अधिवक्ता मैथ्यूज जे नेदुमपारा ने किया। उन्होंने नेशनल अयप्पा डिवोटीज (वीमन्स) एसोसिएशन की तरफ से पुनर्विचार याचिका दायर की है।


बता दें की हाल में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने 4-1 से फैसला सुनाते हुए कहा था कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक नहीं लागाया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद कई महिला संगठन के सदस्यों ने प्रवेश की कोशिश की थी लेकिन सफल नहीं हो पाई थी.


सबरीमाला मंदिर में 10-50 आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश वर्जित है. महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ पिछले महीने हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के कारण शनिवार से मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई थी मंदिर को 17-22 अक्टूबर तक पांच दिन तक चलने वाली मासिक पूजा के लिए खोला गया था. उस दौरान प्रतिबंधित आयु वर्ग की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के खिलाफ श्रद्धालुओं और अन्य संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था.


इस दौरान कम से कम एक दर्जन युवा महिलाओं ने प्रार्थना करने का असफल प्रयास किया था लेकिन उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा था. पुलिस के मुताबिक हिंसक विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ 543 मामले दर्ज किये गए और गुरुवार तक 3,701 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.


सबरीमाला विवाद: मासिक धर्म की उम्र के शक में महिला श्रद्धालु पर हमला, आरोपी गिरफ्तार