सबरीमला में महिलाओं की अब भी 'नो एंट्री', कल खुले कपाट लेकिन नहीं कर पाईं दर्शन
सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर लगी पाबंदी हटा दी थी लेकिन मंदिर के पुजारी से लेकर लाखों श्रद्धालु महिलाओं की एंट्री का विरोध कर रहे हैं.
नई दिल्ली: केरल के सबरीमला में भगवान अयप्पा के मंदिर के कपाट कल शाम खुले लेकिन 10 से पचास साल की उम्र वाली महिलाओं को एंट्री नहीं मिल सकी. इस बार सुरक्षा के और भी तगड़े इंतजाम थे लेकिन महिलाएं अंदर नहीं जा सकीं. केरल के पंबा से पहुंची महिला श्रद्धालु अंजु परिवार के साथ दर्शन के लिए लेकिन विरोध के कारण उसे बीच रास्ते से वापस लौटना पड़ा.
पहली बार सबरीमला मंदिर के आसपास 15 महिला पुलिस का दस्ता भी तैनात किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर लगी पाबंदी हटा दी थी लेकिन मंदिर के पुजारी से लेकर लाखों श्रद्धालु महिलाओं की एंट्री का विरोध कर रहे हैं.
सोमवार को मंदिर के कपाट शाम पांच बजे से रात दस बजे तक के लिए खुले. शाम चार बजे के आंकड़ें के अनुसार, 5540 श्रद्धालु मंदिर की ओर बढ़ चुके थे, पिछले वर्ष इसी दिन केवल 1000 श्रद्धालुओं ने दर्शन किया था.
पंडालम शाही परिवार के श्रीकुमार वर्मा ने कहा कि जिस तरह से चीजें हो रही हैं, वह उससे दुखी हैं. वर्मा ने कहा, "सबरीमाला के लिए शांतिपूर्वक तीर्थाटन हुआ करता था. लेकिन, आज मंदिर पुलिस थाने में तब्दील हो गया है. यह हम सभी को दुखी कर रहा है."
जब मंदिर 17 से 22 अक्टूबर के बीच मासिक पूजा के लिए खोला गया था तब मंदिर के तांत्रि और अधिकारियों ने कहा था कि अगर 10 से 50 वर्ष उम्र की महिला मंदिर में प्रवेश की कोशिश करेंगी तो वे मंदिर को बंद कर देंगे, क्योंकि यह मंदिर परंपरा के खिलाफ है.