नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के संकट के बीच सोशल मीडिया पर पेंशन की कटौती वाला दावा सुर्खियों में बना हुआ है. दावा है कि सरकार कोरोना संकट से निपटने के लिए पेंशन धारकों की 30 फीसदी पेंशन काटने वाली है. सच्चाई के सेंसेक्स में आपके चैनल एबीपी न्यूज़ ने इस दावे की पड़ताल की है. जानें सच क्या है.
क्या दावा किया जा रहा है?
दरअसल फेसबुक और व्हाटस्एप पर मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कुछ खबरें शेयर की जा रही हैं. ऐसी रिपोर्ट्स का हिस्सा वो भी बने हुए हैं, जिन्हें पेंशन मिलती है और वो भी जिनके पास पेंशन की सुविधा नहीं है. कुल मिलाकर पूरा हिंदुस्तान पेंशन कटौती पर माथापच्ची कर रहा है. कुछ दिनों पहले एक वेबसाइट पर ये खबर छपी कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए अगले दो साल तक सांसदों के सांसद निधि फंड सस्पेंड करने के बाद सरकार पेंशन में भी 30 फीसदी कटौती के फैसले पर गंभीर रूप से विचार कर रही है.
65 लाख से ज्यादा लोगों को पेंशन देती है केंद्र सरकार
- सिविल पेंशनधारकों की संख्या- 10 लाख 40 हजार 256 है.
- डिफेंस पेंशनधारकों की संख्या- 32 लाख 35 हजार 730 है.
- पोस्टल पेंशनधारक करीब- 3 लाख 28 हजार 818 हैं.
- रेलवे पेंशनधारकों की संख्या- 15 लाख 73 हजार 665 है.
- और टेलिकॉम पेंशनधारक- 3 लाख 58 हजार है.
एबीपी न्यूज ने इस दावे की पड़ताल की. हमें सबसे पहले केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह का बयान मिला, जिन्होंने इस दावे को पूरी तरह खारिज किया है. जितेंद्र सिंह ने उस दूसरे दावे को भी खारिज किया, जिसमें कहा जाता है जिनकी उम्र 80 साल हो चुकी है उनकी पूरी ही पेंशन काट ली जाएगी. केंद्रीय मंत्री ने साफ किया मोदी सरकार पेंशनधारकों का विशेष ख्याल रख रही है. लॉकडाउन के बीच भी ये सुनिशिचित कर रही है कि महीना बदलते ही पेंशन खाते में पहुंचे और जहां पोस्टल की दिक्कत है, वहां उन्हें घर तक पेंशन पहुंचाई जाई.
पीआईबी ने भी ट्वीट करके पेंशन में कटौती वाले दावे को पूरी तरह से खारिज किया है.
पड़ताल में 30 फीसदी पेंशन कटौती वाला दावा झूठा और निराधार है.
इंटरनेट पर फैल रहे हर दावे और अफवाह का सच जानने के लिए सोमवार से शुक्रवार एबीपी न्यूज़ पर 8.30 बजे 'सच्चाई का सेंसेक्स जरुर देखें.
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