नई दिल्ली: जानलेवा कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन है. जनता का काम बंद है. ऐसे में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पिछले दिनों बैंको से ग्राहकों की ईएमआई तीन महीने तक टालने को कहा था. अब बैंक अपने ग्राहकों को तीन महीने के लिए ईएमआई टालने की सुविधा दे रहे हैं. लेकिन कुछ जालसाज इस सुविधा की आड़ में ग्राहकों का बैंक एकाउंट लूट रहे हैं.

क्या दावा किया जा रहा है?

इंटरनेट की दुनिया में आजकल एक मैसेज जोर शोर से जारी है. जिसमें तीन महीने के लिए बैंक से कर्ज की ईएमआई माफ करवाने का दावा किया जा रहा है.

जालसाज कैसे जनता को लूट रहे हैं?

वायल मैसेज में ग्राहकों के रजिस्टर मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी पर एक मैसेज आता है. मैसेज के अंत में एक लिंक दिया होता है. उस लिंक पर क्लिक करने के बाद ग्राहक की जानकारियां मांगी जाती हैं. जैसे ही ग्राहक उस जानकारी को भरता है. रजिस्टर मोबाइल नंबर एक ओटीपी आता है. तभी कुछ लोग बैंक अधिकारी के नाम पर वो ओटीपी मांगते हैं और ग्राहक की ईएमआई माफ करने का दावा करते हैं. ओटीपी बताते ही लोगों के अकाउंट के पैसे कट जाते हैं.


सच क्या है?

वायरल हो रहे मैसेज के बारे में एबीपी न्यूज ने बैंकिंग मामलों के एक्सपर्ट से बात की. आपको ये जानकारी दे दें कि बैंकों ने कोरोना संकट की वजह से ग्राहकों को ईएमआई तीन महीने टालने की सुविधा दी है, लेकिन माफ करने की बिल्कुल नहीं.

पड़ताल में कोरोना संकट के दौरान तीन महीने के लिए बैंक लोन की ईएमआई माफ कराने वाले मैसेज झूठ हैं.

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