सच्चाई का सेंसेक्स: RSS कार्यकर्ताओं की तरफ से पुलिस की मदद करने के दावे का सच क्या है?
तस्वीरों के आधार पर दावा किया जा रहा है कि आरएसएस के कार्यकर्ता रोज 12 घंटे चेकिंग में पुलिस की मदद कर रहे हैं.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संकट में इन दिनों सोशल मीडिया पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कार्यकर्ताओं के मदद की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. दावा किया जा रहा है कि तेलंगाना पुलिस की मदद के लिए आरएसएस कार्यकर्ता वाहनों की चेकिंग कर रहे हैं. जानें इस दावे की सच्चाई क्या है?
क्या दावा है?
दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में आरएसएस कार्यकर्ता बाइक की चेकिंग करते नजर आ रहे हैं. तेलंगाना में सोशल मीडिया पर इन तस्वीरों के आधार पर दावा किया जा रहा है कि आरएसएस के कार्यकर्ता रोज 12 घंटे चेकिंग में पुलिस की मदद कर रहे हैं.
- सोशल मीडिया पर पुलिस की मदद कर रहे आरएसएस कार्यकर्ताओं पर अब कई सवाल सवाल भी उठ रहे हैं.
- आरएसएस कार्यकर्ताओं को पुलिस के साथ काम करने की इजाजत किसने दी?
- तेलंगाना सरकार RSS को कानून व्यवस्था संभालने की इजाजत कैसे दे सकती है?
- क्या अब पुलिस का काम भी बाहर के लोगों द्वारा कराया जाएगा?
पुलिस ने बताई सच्चाई
वायरल तस्वीरों की सच्चाई जानने के लिए एबीपी न्यूज ने भोनगिर के डीसीपी नारायणा रेड्डी से बात की. उनका कहना है कि हमने किसी को लॉकडाउन के दौरान कानून व्यवस्था संभालते की इजाजत नहीं दी. तेलंगाना में पुलिस ही सिर्फ कानून व्यवस्था संभालेगी. स्वयंसेवकों को वाहनों और ड्राइवरों से आईडी कार्ड मांगने की कोई इजाजत नहीं दी है.
पुलिस की मदद कर रहे आरएसएस कार्यकर्ताओं की तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए तेलंगाना के आरएसएस प्रांत के कार्यवाहक कंचम रमेश से इस बारे में जानकारी मांगी गई तो उनका कहा था कि आरएसएस के स्वयंसेवकों के द्वारा सड़क पर वाहनों की चेंकिंग की जाने की खबर बिल्कुल गलत है. हम सिर्फ वही काम कर रहे हैं जो स्थानीय अधिकारी कहते हैं.
पड़ताल में आरएसएस कार्यकर्ताओं की तरफ से पुलिस की मदद करने वाली खबर झूठी साबित हुई.
इंटरनेट पर फैल रहे हर दावे और अफवाह का सच जानने के लिए सोमवार से शुक्रवार एबीपी न्यूज़ पर 8.30 बजे 'सच्चाई का सेंसेक्स जरुर देखें.