Sachin Pilot Protest: अनशन के बाद भी सचिन पायलट पर कांग्रेस का रुख नरम, आ सकते हैं दिल्ली, गहलोत कैबिनेट की बैठक आज | बड़ी बातें
Rajasthan Politics: सचिन पायलट ने पिछली सरकार से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की मांग को लेकर एक दिवसीय अनशन किया. कांग्रेस ने पायलट के इस कदम को पार्टी विरोधी करार दिया था.
Sachin Pilot Protest: राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने पार्टी की ओर से दी गई चेतावनी को दरकिनार करते हुए मंगलवार (11 अप्रैल) को धरना दिया. उन्होंने पूर्व की वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की मांग को लेकर एक दिन के लिए अनशन किया. पायलट के इस कदम के बाद राज्य की सियासत तेज हो गई. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक भी बुलाई है. जानिए मामले से जुड़ी बड़ी बातें.
1. सचिन पायलट ने जयपुर में शहीद स्मारक पर सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक पांच घंटे का मौन अनशन किया. इसके बाद उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई होगी. पायलट ने ट्वीट भी किया और लिखा, "जनता के वादे होंगे पूरे, हर भ्रष्टाचार की हो जांच, राजस्थान का है दृढ़ संकल्प, सत्य पर नहीं आने देंगे कोई आंच."
2. उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे के कार्यकाल में जब हम विपक्ष में थे तो हमने बहुत सारे घोटालों और भ्रष्टाचार के मामलों को उजागार किया था. हमने जनता से वादा किया था कि जब हम सरकार में आएंगे तब वसुंधरा जी और बीजेपी के शासन में तमाम जो घोटाले हुए उसके खिलाफ प्रभावशाली कार्रवाई करेंगे. अब जब हम सरकार में हैं, 4 साल से ज्यादा का समय बीत गया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई इसलिए आज मैंने अनशन रखा.
3. पायलट पर फिलहाल कांग्रेस का रुख नरम है. राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर रंधावा पायलट के संपर्क में हैं. पायलट कल दिल्ली आ सकते हैं जहां प्रभारी उनसे मुलाकात कर विवाद सुलझाने की कोशिश करेंगे. कांग्रेस के सूत्रों क अनुसार, पार्टी नेतृत्व अभी भी गहलोत बनाम पायलट विवाद सुलझाने की कोशिश करेगा. पार्टी में कुछ नेता जहां पायलट के खिलाफ कार्रवाई की पैरवी कर रहे हैं वहीं कुछ नेता ऐसा करने के पक्ष में नहीं थे. लिहाजा विवाद को सुलझाने की एक और कोशिश का फैसला हुआ है. इसीलिए प्रभारी रंधावा पायलट से बात करके एक दो दिनों में कांग्रेस अध्यक्ष खरगे से आकर मिलेंगे तब फैसला किया जायेगा.
4. कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की ओर से दी गई चेतावनी से विचलित हुए बिना पायलट धरने पर बैठे. धरना स्थल पर बड़ी संख्या में पायलट समर्थक मौजूद रहे, हालांकि पार्टी का कोई बड़ा चेहरा या मौजूदा विधायक वहां नजर नहीं आया. पायलट ने मौजूदा विधायकों से इस कार्यक्रम में नहीं आने को कहा था. पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बेटे अनिरुद्ध, जिन्होंने हाल ही में ब्रिटेन में टिप्पणी के लिए राहुल गांधी को निशाना बनाया, वह भी अनशन स्थल पर मौजूद थे.
5. पायलट के विधानसभा क्षेत्र टोंक के अलावा अजमेर और पूर्वी राजस्थान से आए कई अन्य नेता और कार्यकर्ता भी शहीद स्मारक में मौजूद थे. इस अनशन के लिए शहीद स्मारक के पास एक तंबू लगाया गया. वहां बनाए गए छोटे से मंच पर केवल पायलट बैठे. उनके समर्थक व अन्य कार्यकर्ता आसपास नीचे बैठे. मंच के पास महात्मा गांधी और ज्योतिबा फुले की तस्वीरें रखी गईं. मंच के पीछे केवल महात्मा गांधी की फोटो के साथ ‘वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार के विरुद्ध अनशन’ लिखा है.
6. सचिन पायलट के अपनी ही पार्टी की अगुवाई वाली राजस्थान सरकार के खिलाफ एक दिवसीय अनशन पर बैठने के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान को 2030 तक देश में अव्वल राज्य बनाना उनका सपना है. उन्होंने कहा कि इस सपने को साकार करने के लिए उन्होंने ऐसी योजनाएं बनाई हैं जो किसी और राज्य में नहीं है. सीएम ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक भी बुलाई है. गहलोत के करीबी सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट की बैठक में मंहगाई राहत कैंप को लागू करने को लेकर चर्चा होगी.
7. राज्य सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना सहित अन्य योजनाओं की ओर इशारा करते हुए गहलोत ने कहा कि किसी और राज्य में जनता को 25 लाख रुपये का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा नहीं मिल रहा है, किसी भी राज्य में 500 रुपये में गैस सिलेंडर नहीं भरवाया जा रहा है. न ही ऐसी किसी योजना पर विचार किया जा रहा है. सिर्फ राजस्थान में 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा दिया जा रहा है, वह भी बिना किसी प्रीमियम के.
8. उन्होंने कहा कि इस तरह से और भी बहुत सारे ऐतिहासिक फैसले किए गए हैं जिनसे राजस्थान के लोगों को महंगाई से राहत मिलेगी, उनके पैसे की बचत होगी और आज की इस बचत से हमारी आने वाली पीढ़ी को बढ़त मिलेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन 2030 को सफल करने के लिए अभी बहुत कुछ करना है. इस दिशा में पहला कदम ‘बचत राहत बढ़त’ वाला बजट था.
9. सचिन पायलट के अनशन पर बीजेपी ने तंज कसा और कहा कि राजस्थान कांग्रेस में मचा घमासान सड़कों पर आ गया है. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव व राजस्थान के प्रभारी अरुण सिंह ने अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार को बहुसंख्यक विरोधी भी करार दिया. उन्होंने ट्वीट कर सवाल किया कि राजस्थान कांग्रेस में घमासान सड़कों पर आया. गहलोत सरकार में महिलाओं पर अत्याचार, दलित शोषण, खान घोटालों और पेपरलीक घोटाले में कांग्रेस जन मौन क्यों हैं. पुजारी और संतों की मौत का जिम्मेदार कौन? तुष्टिकरण के मामलों से बहुसंख्यक विरोधी सरकार की दुर्गति निश्चित है.
10. बीजेपी सांसद राज्यवर्धन राठौर ने कहा कि हर विधायक को विधानसभा में मुद्दा उठाने का अधिकार है और फिर तो वह मंत्री थे, उनको पूरा अधिकार था कैबिनेट में मुद्दा उठाने का, लेकिन उस समय स्वार्थ की राजनीति चल रही थी. इनको आगे बढ़ने के लिए छड़ी चाहिए और यह छड़ी राजस्थान नहीं देने वाला.