Ghulam Nabi Azad Resigns: गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर क्या कुछ बोले सचिन पायलट?
गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर सचिन पायलट ने कहा कि जो बातें चिट्ठी में लिखी गई है वो सच्चाई से दूर है. आज मिलकर काम करने की जरूरत है.
Sachin Pilot On Ghulam Nabi Azad Resignation: कांग्रेस (Congress) को बड़ा झटका देते हुए गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने आज पार्टी की सदस्यता छोड़ दी. उनके इस्तीफे को कांग्रेस ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि इस्तीफे और चिट्ठी की जो टाइमिंग है, वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. 50 साल के लंबे अरसे तक कांग्रेस पार्टी में तमाम पदों पर रहने के बाद आज उनकी जरूरत थी देश को और कांग्रेस को. वह बीजेपी के खिलाफ महंगाई, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी का मुद्दा उठाएं.
पायलट ने वीडियो बयान जारी कर कहा, ''4 सितंबर को इन्हीं मुद्दों को लेकर कांग्रेस रैली कर रही है. सात तारीख को भारत जोड़ो यात्रा शुरू होने वाली है. ये समय था संघर्ष का, सच्चाई को रखने का और बीजेपी का सामना करने का. ऐसे समय में पार्टी छोड़ देना और जो बातें चिट्ठी में लिखी गई है वो सच्चाई से दूर है. आज जरूरत है लोगों को मिलकर काम करने का.''
'संघर्ष के समय में पार्टी छोड़ दी'
सचिन पायलट ने कहा, ''सत्ता में रहते हुए हम बहुत से पदों पर रहे. आज जरूरत इस बात की है कि हम मिलकर संघर्ष करते, बजाए उसके आजाद साहब ने पार्टी छोड़ी है. मैं समझता हूं कि वो अपनी जिम्मेदारी से हटे हैं. मैं समझता हूं कि सभी कार्यकर्ता एकजुट रहेंगे, संघर्ष करते रहेंगे.''
वहीं पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने आजाद पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि ‘जीएनए’ (गुलाम नबी आजाद) का डीएनए ‘मोदी-मय’ हो गया है. उन्होंने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ऐसे समय पर यह कदम उठाया जब कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी और ध्रुवीकरण के खिलाफ लड़ रही है और त्यागपत्र में कही गई बातें तथ्यपरक नहीं हैं, इसका समय भी ठीक नहीं है.
रमेश ने कहा, ‘‘जिस व्यक्ति को कांग्रेस नेतृत्व ने सबसे ज़्यादा सम्मान दिया, उसी व्यक्ति ने कांग्रेस नेतृत्व पर व्यक्तिगत आक्रमण करके अपने असली चरित्र को दर्शाया है. पहले संसद में मोदी के आंसू, फिर पद्म विभूषण, फिर मकान का एक्सटेंशन…यह संयोग नहीं, सहयोग है !’’