Sachin Pilot On Amit Malviya: कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अपने पिता राजेश पायलट पर की गई टिप्पणी को लेकर मंगलवार (15 अगस्त) को बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ''बेशक मेरे पिता भारतीय वायुसेना के पायलट थे और उन्होंने बम गिराए थे, लेकिन आपने जो फैक्ट दिए हैं वे गलत हैं.''


सचिन पायलट ने ट्वीट करते हुए कहा, ''आपके पास गलत तारीखें, गलत तथ्य हैं…  हां, भारतीय वायुसेना के पायलट के रूप में मेरे दिवंगत पिता ने बम गिराए थे, लेकिन उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान पर हमला किया था, न कि 5 मार्च 1966 को मिजोरम पर जैसा कि आप दावा कर रहे हैं. उन्हें (राजेश पायलट) 29 अक्टूबर 1966 को भारतीय वायुसेना में नियुक्त किया गया था.''


सचिन पायलट ने अपने ट्वीट में एक प्रमाणपत्र भी अटैच किया. उन्होंने आगे कहा, ''हां, 80 के दशक में एक राजनेता के रूप में मेरे पिता ने मिजोरम में युद्ध विराम करवाने और स्थाई शांति संधि स्थापित करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका जरूर निभाई थी. स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं, जय हिन्द.''

अमित मालवीय ने लगाए थे आरोप
बता दें एक न्यूज चैनल का वीडियो शेयर करते हुए बीजेपी नेता अमित मालवीय ने दावा किया था कि राजेश पायलट ने पायलट रहते हुए 1966 में मिजोरम की राजधानी आइजोल पर बम गिराए थे.


इंदिरा गांधी ने दिया सम्मान- मालवीय
मालवीय ने एक्स (ट्विटर) पर यह वीडियो पोस्ट किया और लिखा कि राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी भारतीय वायु सेना के वे विमान उड़ा रहे थे, जिनसे 5 मार्च 1966 को मिजोरम की राजधानी आइजोल पर बम गिराए थे. बाद में वे दोनों कांग्रेस सांसद और बाद में मंत्री बन गए. स्पष्ट है कि नार्थ ईस्ट में अपने ही लोगों पर हवाई हमला करने वालों को इंदिरा गांधी ने बतौर इनाम राजनीति में जगह दी, सम्मान दिया.


अविश्वास प्रस्ताव में पीएम मोदी ने किया था जिक्र
बता दें कि पिछले हफ्ते लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने मिजोरम के खिलाफ भारतीय वायुसेना का इस्तेमाल किया था. प्रधानमंत्री ने कहा था कि क्या मिजोरम के नागरिक हमारे नागरिक नहीं थे? आज भी मिजोरम हर साल 5 मार्च को शोक मनाता है. वे अब तक इसे नहीं भूले हैं.  


जयराम रमेश ने किया इंदिरा गांधी का बचाव 
पीएम मोदी को जवाब देते हुए कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी का बचाव किया था. रमेश ने कहा, ''मार्च 1966 में मिजोरम में पाकिस्तान और चीन से समर्थन पाने वाली अलगाववादी ताकतों से निपटने के लिए इंदिरा गांधी के असाधारण फैसले की आलोचना दयनीय है.''


शांति समझौते पर हस्ताक्षर
कांग्रेस सांसद ने कहा, ''उन्होंने (इंदिरा गांधी) मिजोरम को बचाया, भारत से लड़ने वालों के साथ बातचीत शुरू की और 30 जून 1986 को एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए. जिस तरह से समझौता हुआ वह एक उल्लेखनीय कहानी है जो आज मिजोरम में भारत के विचार को मजबूत करती है.''


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