सचिन पायलट बोले- मुझे किसी पद की लालसा नहीं, कौन सत्ता में, कौन संगठन में काम करेगा यह पार्टी तय करती है
पायलट को पिछले महीने पार्टी का व्हिप नहीं मानने पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था.
जयपुर: कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने बुधवार को कहा कि यह पार्टी नेतृत्व को तय करना है कि किसे संगठन में काम करना है और किसे सरकार में काम करना है. पायलट ने हालांकि कहा कि उन्होंने अपने लिए किसी पद की मांग नहीं की है. उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष, महासचिव और प्रभारी इंचार्ज, कमेटी के सदस्य सब लोग चर्चा करेंगे कि कहां पर किसको इस्तेमाल करना है. यह अंतिम निर्णय पार्टी का होता है कि कौन सत्ता में काम करे और कौन संगठन में काम करे.
पायलट को पिछले महीने पार्टी का व्हिप नहीं मानने पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था. पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की तीन सदस्यीय समिति का गठन हुआ है और वो अपने आप चर्चा करके निर्णय करेगी और सभी मुद्दों को सुलझा लिया जायेगा. पायलट ने कहा, ''मैं कांग्रेस अध्यक्ष को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने बहुत जल्द हमारी एक मांग पर कार्रवाई की है और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की तीन सदस्यीय एक कमेटी का गठन हुआ है और वो अपने आप चर्चा करके निर्णय करेगी कैसे उनको काम करना है.''
पायलट ने अजय माकन से सोमवार को दिल्ली में मुलाकात की थी
सचिन पायलट ने कहा कि जो हमें कहना सुनना है वो पार्टी के मंच पर उस कमेटी के माध्यम से आलाकमान तक बात पहुंचायेंगे और उसके बाद, जो रोडमैप हमने तैयार किये थे, उस पर जल्दी कार्रवाई करवायेंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व का विरोध करने और पार्टी के व्हिप का उल्लंघन करने वाले पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों के बागी होने के बीच एक महीने तक चले राजनीतिक संकट के बाद पिछले सप्ताह पार्टी ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. पायलट ने राजस्थान के नव नियुक्त प्रभारी और एआईसीसी के महासचिव अजय माकन से सोमवार को दिल्ली में मुलाकात की थी.
कांग्रेस नेता ने कहा, ''सभी काम पार्टी और सरकार के बीच समन्वय के साथ होना चाहिए. पार्टी अध्यक्ष, महासचिव और प्रभारी इंचार्ज, कमेटी के सदस्य सब लोग चर्चा करेंगे कि कहां पर किसको इस्तेमाल करना है यह अंतिम निर्णय पार्टी का होता है कि कौन सत्ता में काम करे और कौन संगठन में काम करे. कमेटी के माध्यम से सब मामलों पर चर्चा की जायेगी और सब समस्याओं का समाधान भी निकलेगा इसी कमेटी के माध्यम से.''
टोंक में संवाददाताओं से बातचीत में पायलट ने कहा, ''सोनिया गांधी ने एक अच्छा निर्णय लिया है. दिल्ली में जब मेरी चर्चा प्रियंका गांधी और राहुल गांधी से हुई थी तब इस बात पर यह निर्णय लिया गया था कि एआईसीसी स्तर पर एक कमेटी बनेगी और दो दिन दिन में गठन हो जाना दर्शाता है कि एआईसीसी ने गंभीरता से इसे लिया गया है.''
मुझे आज किसी पद की लालसा नहीं- सचिन पायलट
पायलट ने कहा, ''मुझे आज किसी पद की लालसा नहीं है.. जो सैद्धांतिक रूख हम लोगों ने लिया था उसकी बात हमने रखी थी और बडे अच्छे और खुले माहौल में चर्चा हुई संवाद हुआ. अंत में जो निर्णय लिया गया उससे हम लोग संतुष्ट थे और मैं तो इतना ही चाहता हूं कि जिस क्षेत्र की जनता ने मुझे वोट देकर जिताया है यहां पर काम हो, लोगों का विकास हो. लोगों को लगे कि सरकार बनने के बाद हमलोग बराबर के भागीदार है.'' उन्होंने कहा, ''सबको लगे की हम सरकार में भागीदार हैं. वो भावना पैदा करना जरूरी है इसलिये मैंने इन बातों को उठाया था. जहां तक मेरी अपनी बात है मैंने अपने लिये कोई पद नहीं मांगा है, मैं तो जनता के बीच में रहकर सबसे खुश रहता हूं.''
जब मैं अध्यक्ष बनकर आया, तब कांग्रेस के सिर्फ 21 विधायक थे- पायलट
सचिन पायलट ने कहा, '' जब मैं साढे छह साल पहले अध्यक्ष बनकर आया था तब हम सिर्फ 21 विधायक कांग्रेस पार्टी के थे. उस समय लोग बोलते थे कि राजस्थान में वसुंधरा जी हैं और दिल्ली में नरेन्द्र मोदी जी हैं.. तो कांग्रेस का यहां दोबारा उदय होगा ही नहीं, उस समय जिन लोगों ने हमारे साथ लाठियां खाई, सडकों पर संघर्ष किया, पदयात्राएं की, भूख हड़ताल की, धरने दिये, घेराव किये, जेलो में गये उन सब के लिये चाहता हूं कि उन्होंने जो योगदान और बलिदान दिया है उनकी वरिष्ठता और मेरिट के अनुसार उनकी सरकार और संगठन में भागीदारी होनी चाहिए.''
उन्होंने कहा, ''सरकार और संवेदनशील कैसी बन सकती है.. और गति से कैसे काम हो सकता है.. इस दिशा में काम करने की जरूरत है. इस कमेटी के माध्यम से मुझे लगता है कि जो तमाम हमने रोडमैप तय किये है उसको हम बहुत जल्द पूरा कर सकते है.''
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