नई दिल्ली: राजस्थान की सियासत में सचिन पायलट बनाम अशोक गहलोत खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. पहले आज सूबे के सीएम ने सचिन पायलट पर हमला बोला तो अब सचिन पायलट ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए गहलोत के बयान पर दुख जताया है.
सचिन पायलट ने कहा,'' उनसे ऐसे बयान की उम्मदी नहीं थी. बेबुनियाद आरोपों से दुखी हूं लेकिन हैरान नहीं. मेरी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.'' दरअसल अशोक गहलोत के उस बयान पर सचिन पालयट दुख जाहिर कर रहे थे जिसमें उन्होंने कहा कि जिसे मान-सम्मान दिया, वही कांग्रेस की पीठ में छुरा भोंकने को तैयार हो गया.
पायलट के प्रवक्ता के व्हाट्सएप ग्रुप में एक बयान जारी किया गया
पायलट के प्रवक्ता के व्हाट्सएप ग्रुप में एक बयान जारी किया गया. इसमें पायलट ने कहा है, ‘‘मुझ पर इस तरह के आधारहीन आरोप लगाए जाने से मैं दुखी हूं लेकिन हैरान नहीं हूं. इसका एकमात्र उद्देश्य मुझे बदनाम करना है.’’
उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप का उद्देश्य कांग्रेस के विधायक एवं सदस्य होने के नाते उनके द्वारा राज्य में पार्टी नेतृत्व के खिलाफ जताई गई चिंताओं को भी दबाना है. उन्होंने कहा, ‘‘ये आरोप मुझे और बदनाम करने और मेरी साख पर हमला करने के लिए लगाए गए हैं.’’ उन्होंने कहा कि मुख्य मुद्दे से ध्यान बंटाने के लिए बहस को मोड़ा जा रहा है.
बयान में कहा गया है, ‘‘उन विधायक के खिलाफ उचित एवं कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी जिनसे इस तरह के आरोप लगवाए गए हैं.’’ बयान के अनुसार, ‘‘मुझे विश्वास है कि मेरी सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए ऐसे और आरोप मुझ पर लगाए जाएंगे. लेकिन मैं अपने विश्वास और आस्था पर कायम रहूंगा.’’
कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने कहा- बीजेपी में जाने की चर्चा की थी
इससे पहले बाड़ी से कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में आरोप लगाया था कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने उनसे पार्टी छोड़कर भाजपा में जाने के बारे में चर्चा की थी. मलिंगा ने दावा किया था कि उन्हें पैसों की पेशकश की गयी थी.
क्या कहा था अशोक गहलोत ने ?
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बागी नेता सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस व्यक्ति को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के रूप में इतना मान-सम्मान मिला वही पार्टी की पीठ में छुरा भोंकने का तैयार हो गया.
उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में शायद ही ऐसा कोई और उदाहरण देखने को मिले कि पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ने अपनी ही सरकार को गिराने के षडयंत्र किया.
गहलोत ने कहा कि 'निकम्मा एवं नकारा' होने के बावजूद पायलट सात साल तक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे लेकिन पार्टी के हित को ध्यान में रखते हुए किसी ने इस पर सवाल नहीं उठाया.
उन्होंने कहा, ‘‘हिंदुस्तान में राजस्थान एकमात्र ऐसा राज्य है जहां सात साल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने की कभी मांग नहीं हुई. हम जानते थे कि 'निक्कमा' है, 'नकारा' है, कुछ काम नहीं कर रहा है. खाली लोगों को लड़वा रहा है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘फिर भी राजस्थान में हमारी संस्कृति ऐसी है, हम नहीं चाहते थे कि दिल्ली में लगे कि राजस्थान वाले लड़ रहे हैं. उनका मान सम्मान रखा. प्रदेश कांग्रेस को कैसे सम्मान दिया जाता है वह मैंने राजस्थान में लोगों को सिखाया. उम्र नहीं पद मायने रखता है.’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मान सम्मान पूरा दिया. सब कुछ किया. वह व्यक्ति कांग्रेस की पीठ में छुरा भोंके जाने के लिए तैयार हो जाए?’’
उल्लेखनीय है कि अशोक गहलोत सरकार को गिराने के षडयंत्र में शामिल होने का आरोप में कांग्रेस ने पायलट को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवं उप मुख्यमंत्री पद से हटा दिया है.
उच्च न्यायालय में पायलट खेमे की ओर से कई नामी वकीलों के आने पर सवाल उठाते हुए गहलोत ने कहा कि ये पैसा कहां से आ रहा क्या पायलट साहब जेब से दे रहे हैं. गहलोत ने कहा, ‘‘कारपोरेट हाउस लगे हैं. मोदी जी, भाजपा को खुश करने ... यह बड़ा षडयंत्र है कांग्रेस सरकार को गिराने का. कई शक्तियां लगी हैं.’’