Sachin Pilot Vs Ashok Gehlot: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता सचिन पायलट के बीच लंबे अरसे से चली आ रही रार अब खत्म हो गई है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मामले पर कहा है कि राजस्थान में सब ठीक हो रहा है. बहुत जल्द सारी चीजें ठीक हो जाएंगी. खरगे के दावे के हिसाब से कहा जा सकता है कि राजस्थान में भी अब कर्नाटक की तरह कोई फॉर्मूला सेट कर दिया गया है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर सोमवार (29 मई) को हुई चार घंटों की मैराथन बैठक में गहलोत और पायलट के साथ ही राहुल गांधी भी मौजूद थे. इस बैठक में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भी शामिल थे.
क्या खत्म हो गए गहलोत-पायलट के गिले-शिकवे?
चार घंटों तक चले मंथन के बाद दावा किया गया कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट तमाम गिले-शिकवे छोड़कर एकसाथ कांग्रेस पार्टी के लिए राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनाव में उतरेंगे. केसी वेणुगोपाल ने कहा कि गहलोत और पायलट ने एकजुट होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. ये बीजेपी के खिलाफ एक संयुक्त लड़ाई है, निश्चित रुप से हम राजस्थान चुनाव जीतेंगे.
क्या कर्नाटक की तरह निकाला गया फॉर्मूला?
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शानदार तरीके से बहुमत हासिल कर सरकार बनाई. हालांकि, सरकार बनाने से पहले कांग्रेस को कर्नाटक के दो धड़ों को एकसाथ लाने के लिए आलाकमान को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया जहां अपने आखिरी चुनाव का हवाला देकर खुद को सीएम बनाने की मांग कर रहे थे. वहीं, कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार सीएम पद पर अपना दावा पेश कर रहे थे.
सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच चल रही सियासी खींचतान को खत्म करने के लिए कांग्रेस आलाकमान तुरंत ही एक्टिव हुआ. कुछ ही दिनों में दोनों नेताओं को दिल्ली बुलाकर कांग्रेस आलाकमान ने एकजुट होकर चुनाव लड़ने का आदेश दिया. वहीं, सीएम पद का फैसला चुनाव के बाद के लिए टाल दिया. चुनाव भारी बहुमत से जीत के बाद जब सीएम पद को लेकर बवाल हुआ तो विधायकों ने गेंद आलाकमान के पाले में डाल दी.
कांग्रेस आलाकमान ने सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के साथ लंबी बातचीत के बाद सीएम का नाम तय कर दिया. इस बातचीत में विधायकों के समर्थन पर भी चर्चा हुई, जो सिद्धारमैया के पाले में खड़े नजर आ रहे थे. कांग्रेस ने बीच का रास्ता निकालते हुए डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम के पद समेत महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी दी.
राजस्थान में कितना चलेगा कर्नाटक फॉर्मूला?
चुनावी राज्य राजस्थान की बात की जाए तो यहां कांग्रेस के पास फिलहाल दो ही कद्दावर नेता नजर आते हैं. सचिन पायलट और अशोक गहलोत के अलावा कोई ऐसा नेता नहीं है, जिसकी ताकत पूरे राज्य में फैली हो. संभावना है कि इस चुनाव को अशोक गहलोत का आखिरी चुनाव मानकर कांग्रेस उन्होंने एक बार और सीएम बना सकती है.
वहीं, कर्नाटक की तरह ही सचिन पायलट को डिप्टी सीएम के पद के साथ महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी भी दी जा सकती है. हालांकि, कर्नाटक का फॉर्मूला राजस्थान में कितना चलेगा, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. देखना दिलचस्प होगा कि मल्लिकार्जुन खरगे की राजस्थान को लेकर कही गई बात कहां तक सटीक बैठती है.