अशोक गहलोत Vs सचिन पायलट: संख्याबल को लेकर दोनों गुट के हैं अपने-अपने दावे, बीजेपी ने की फ्लोर टेस्ट की मांग
राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट के करीबी सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास संख्या बल नहीं है.
नई दिल्ली: राजस्थान में सचिन पायलट के बागी रुख के बाद अशोक गहलोत की कुर्सी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. हालांकि कांग्रेस का दावा है कि गहलोत के पास पूर्ण बहुमत है. इस बीच जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर विधायक दल (सीएलपी) की बैठक हुई.
पार्टी ने दावा किया कि बैठक में 109 विधायक मौजूद थे. हालांकि न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, 20 विधायक सीएलपी की बैठक में शामिल नहीं हुए. यही नहीं बैठक के बाद सचिन पायलट के खेमे ने विधानसभा फ्लोर पर बहुमत साबित करने की मांग की. यही मांग बीजेपी भी कर रही है.
पायलट के करीबी का दावा सचिन पायलट के करीबी सूत्रों ने कहा, "अशोक गहलोत सरकार के पास संख्या-बल नहीं है जिसका वो दावा कर रहे हैं. मुख्यमंत्री का गार्डन बहुमत साबित करने की जगह नहीं है, वो विधानसभा में होता है. अगर उन्होंने जो दावा किया है, उतने विधायक उनके पास हैं तो गिनती क्यों नहीं कराते हैं, उन्हें राज्यपाल के पास ले जाने के बजाय होटल क्यों ले जा रहे हैं?"
बीजेपी ने की ये मांग कांग्रेस विधायकों को विधायक दल की बैठक के बाद रिसॉर्ट में शिफ्ट कर दिया गया है. सभी को मुख्यमंत्री आवास से रिसॉर्ट तक बस से ले जाया गया. बस में अशोक गहलोत भी देखे गए. जयपुर में तेज होती राजनीतिक गतिविधि के बीच बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा कि अशोक गहलोत को फौरन बहुमत साबित करने के लिए फ्लोर टेस्ट देना चाहिए.
In which case, Ashok Gehlot must immediately call for a floor test, prove his majority, save Rajasthan the drama and get on with the business of governance.
But if he is herding his MLAs to a resort, then clearly he doesn’t have the numbers and is merely delaying the inevitable. https://t.co/ltLNkLFBkn — Amit Malviya (@amitmalviya) July 13, 2020
मालवीय ने कहा, ''अगर वो अपने विधायकों को रिजॉर्ट ले जा रहे हैं तो साफ है कि उनके पास नंबर्स नहीं हैं और वह सिर्फ अटल सत्य को टालने की कोशिश कर रहे हैं."
कांग्रेस विधायक दल में लिया गया ये फैसला कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पारित एक प्रस्ताव में बागी रुख अपनाने वाले उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की ओर परोक्ष रूप से इशारा करते हुए कहा गया है कि अगर कोई पार्टी पदाधिकारी या विधायक इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए.
विधायक दल की बैठक आरंभ होने से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने सुलह की गुंजाइश होने का स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि पायलट और दूसरे विधायक बैठक में आ सकते हैं. हालांकि पायलट और उनके कुछ समर्थक विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पायलट के संपर्क में हैं.
पायलट का क्या है दावा? गहलोत के खिलाफ खुलकर बगावत कर चुके पायलट ने रविवार शाम दावा किया था कि उनके साथ 30 से अधिक विधायक हैं और अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में है. वहीं कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुरजेवाला ने जयपुर में संवाददाताओं से कहा कि राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के पास पूर्ण बहुमत है और वह अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी.
राजस्थान की विधानसभा में 200 सीटें हैं. बहुमत के लिए 101 सीटों की जरूरत है. कांग्रेस के पास 107 विधायक हैं. बीजेपी के पास 72 और अन्य के पास 21 विधायक हैं.
सचिन पायलट को मनाने की कोशिश जारी, दिल्ली में महासचिव या कार्यकारी अध्यक्ष पद दिया सकता है- सूत्र