Rajasthan Political Crisis Live Updates: राजभवन पहुंचे कांग्रेस विधायकों का धरना जारी, विधानसभा सत्र बुलाए जाने की कर रहे हैं मांग
राजस्थान में मचे सियासी घमासान पर हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. राजस्थान हाई कोर्ट ने मौजूदा स्थिति को बरकरार रखा है, हाई कोर्ट ने पायलट गुट की याचिका पर सुनवाई की थी. कोर्ट ने स्पीकर के नोटिस पर यथास्थिति रखने का आदेश दिया है.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि बीजेपी गुंडागर्दी कर रही है. क्या गवर्नर Article 174 के तहत विधानसभा सत्र बुलाने से इंकार कर सकते है? जब कांग्रेस सरकार विधानसभा सत्र बुलाना चाहती है तो बीजेपी भाग क्यों रही है?कब तक जनमत का चीरहरण करेंगे?
राजभवन परिसर में कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी की. कांग्रेस विधायकों ने अशोक गहलोत के समर्थन में नारे लगाए. अशोक गहलोत अदंर राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात कर रहे हैं.
बीजेपी की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष सतीश पूनियां ने शुक्रवार को कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को विधानसभा का सत्र बुलाने को लेकर इतना अधीर नहीं होना चाहिए. मुख्यमंत्री ने इससे पहले कहा था,‘‘ ऊपर से दबाव के चलते राज्यपाल विधानसभा का सत्र नहीं बुला रहे हैं.’’ पूनियां ने इस पर कहा,‘‘ मुख्यमंत्री को इतना अधीर नहीं होना चाहिए.’’उन्होंने कहा,‘‘मैं यह मानता हूं कि इन सारी परिस्थितयों में कानूनी दायरे, संवैधानिक दायरे में रहते हुए धैर्य के साथ मुकाबला करना चाहिए.’’ बीजेपी नेता ने कहा,‘‘हर व्यक्ति की अपनी अपनी संवैधानिक और कानूनी भूमिका है. मुझे लगता है कि उनको इतना अधीर नहीं होना चाहिए.''
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आग्रह के बावजदू राज्यपाल द्वारा विधानसभा का सत्र नहीं बुलाए जाने के मामले में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बीजेपी ने संविधान को सर्कस बना दिया है.
सुरजेवाला ने शुक्रवार को ट्वीट किया,‘‘जब कांग्रेस सरकार के पास बहुमत है, जब कांग्रेस सरकार सदन बुलाना चाहती है, जब संविधान में ये अधिकार सरकार का है, तो फिर भाजपाई और उनके अनुयायी सदन से पीठ दिखा कर भाग क्यों रहे हैं?’’ उन्होंने आगे लिखा ,‘‘दिल्ली की सत्ता पे आसीन मदमस्त हुक्मरानों को विधायिका में बहुमत से डर क्यों लगता है?' सुरजेवाला ने लिखा,‘‘बीजेपी ने संविधान को “सर्कस” बना दिया है, प्रजातंत्र को 'द्रौपदी' व जनमत को बंधक.’’
इसी बीच बस के अंदर की तस्वीर आई है. इसमें वो सभी MLA हैं जो अशोक गहलोत का समर्थन कर रहे हैं और साथ ही CM खुद भी हैं. वो राजभवन जा रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि झुठे ऑडियो टेप के नाम पर मुख्यमंत्री कहते हैं कि हम ऑडियो टेप को जांच करने के लिए अमेरिका भेजेंगे हमें उनकी सीबीआई पर विश्वास नहीं! मुझे लगता है कि उनके बयान में उनके घर की कमजोरी का रिफ्लेक्शन है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि आपके(मुख्यमंत्री) घर के विग्रह की निराशा की प्रतिक्रिया में आप दूसरों के घर के ऊपर कीचड़ फेंकने का काम कर रहे हैं.ऐसी पार्टी के लोग जिसकी सारी सेंट्रल लीडरशिप बेल पर जेल से बाहर हो वो दूसरे लोगों पर इस तरह के आरोप लगाए,जनता सब देखती और समझती है.
राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि अगर राज्यपाल कोरोना की वजह से विदानसभा सत्र नहीं बुलाया जा रहा है तो हम सभी 200 विधायकों का कोरोना टेस्ट कराने को तैयार हैं. कोरोना टेस्ट के बाद सत्र बुलाया जाए.
सीएम अशोक गहलोत और तमाम विधायक राज्यपाल से मुलाकात करेंगे. इसमें दिल्ली से आए कांग्रेस के बड़े नेता भी मौजूद हैं. सूत्रों के मुताबिक अगर सत्र नहीं बुलाया गया तो सभी विधायक राजभवन में धरने पर बैठ सकते हैं. राजभवन में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है.
सीएम अशोक गहलोत और तमाम विधायक चार बसों से राजभवन के लिए रवाना हो चुके हैं. थोड़ी देर में पूरा गहलोत गुट राज्यपाल से मुलाकात करेगा. इसमें दिल्ली से आए कांग्रेस के बड़े नेता भी मौजूद हैं.
राज्यापाल कलराज मिश्रा ने अशोक गहलोत को मिलने के लिए दोपहर 2 बजे का समय दिया है. गहलोत अपने सभी विधायकों को लेकर राजभवन जाएंगे. अशोक गहलोत ने विधायकों और दिल्ली से आए डेलीगेशन के साथ आने की अनुमति मांगी थी.
सीएम अशोक गहलोत की ओर से राज्यपाल पर ऊपरी दवाब में काम करने के आरोप के बाद अब बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि गहलोत को अपनी वाणी और लेखनी से अधिर नहीं होना चाहिए. गहलोत जिस तरह अपने ही पार्टी के नेता पर जिस तरह ही भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, वो सही नहीं है. पूनिया ने कहा कि गहलोत का राजभवन के घेराव की बात करना सही नहीं है, उन्हें राज्यपाल के जवाब का इंतजार करना चाहिए.पूनिया ने कहा कि अगर गहलोत सरकार के पास अगर बहुमत होता तो वो पहले ही विधायकों की परेड करवा लेते.
जानकारी के मुताबिक गहलोत सरकार के विधानसभा सत्र बुलाए जाने की मांग पर राज्यपाल कलराज मिश्रा वकीलों से बात कर रहे हैं. राज्यपाल इस बात पर राय ले रहे हैं कि क्या बिना कारण विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जा सकता है.
अशोक गहलोत ने कहा कि राज्यपाल महोदय से हम सभी निवेदन करेंगे कि अविलंब फैसला लें. हम सोमवार से एसेंबली शुरू करना चाहते हैं. सभी विधायक राज्यपाल से मुलाकात कर आग्रह करेंगे. अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र पर आरोप लगाया कि वो जानबूझकर सत्र नहीं बुला रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि विधानसभा सत्र को क्यों नहीं बुलाया जा रहा है.
अशोक गहलोत ने कहा कि हम लोग सोमवार से विधानसभा शुरू करना चाहते हैं, वहां दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। हमारे पास स्पष्ट बहुमत है, हमें कोई दिक्कत नहीं है. चिंता हमें होनी चाहिए सरकार हम चला रहे हैं, परेशान वो हो रहे हैं.
राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि अगर गहलोत सरकार के पास अगर बहुमत होता तो वो पहले ही विधायकों की परेड करवा लेते. पूनिया ने कहा कि अशोक गहलोत को अधीर नहीं होना चाहिए. पूनिया ने कहा कि कांग्रेस अपनी गलती छुपा रही है. पूनिया बोले कि क्या गहलोत खुद को संविधान से उपर समझते हैं.
अशोक गहलोत ने कहा कि हमने कल राज्यपाल महोदय को पत्र भेजकर निवेदन किया था कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए. हमारा मानना है कि ऊपर से दबाव के कारण मजबूरी में वो विधानसभा बुलाने के निर्देश नहीं दे रहे हैं.
अशोक गहलोत ने कहा कि हमने राज्यपाल को चिट्ठी लिखी है कि वो तुरंत विधानसभा सत्र बुलाएं. जिसमें कोरोना संकट, लॉकडाउन पर चर्चा हो सके. लेकिन अभी तक जवाब नहीं आया है, हमने आज फोन पर भी बात की. सीएम अशोक गहलोत ने अक्रामक बयान देते हुए कहा कि अगर राज्यपाल ने विधानसभा सत्र नहीं बुलाया तो जनता राजभवन का घेराव करने पहुंच सकती है उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी.
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि कैबिनेट फैसले के बाद हमने राज्यापाल को पत्र लिखकर विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया था. पर अबतक हमें कोई जवाब नहीं मिला है. गहलोत ने कहा कि उपर से दबाव के कारण राज्यपाल एसेंबली बुलाने का आदेश नहीं दे रहे हैं. इसका हमें बहुत दुख है.
अशोक गहलोत गुट राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने राजभवन का रुख कर रह रहा है. अब से कुछ देर में अशोक गहलोत राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं, जहां विधायकों की गिनती कराई जा सकती है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से राज्यपाल से सोमवार को विधानसभा सत्र बुलाने की अपील भी की जा सकती है.
बैकग्राउंड
जयपुर: राजस्थान में मचे सियासी घमासान पर हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. राजस्थान हाई कोर्ट ने मौजूदा स्थिति को बरकरार रखा है, हाई कोर्ट ने पायलट गुट की याचिका पर सुनवाई की थी. आज सुबह 10.30 कोर्ट को इस पर फैसला सुनाना था. कोर्ट ने स्पीकर के नोटिस पर यथास्थिति रखने का आदेश दिया है. यानी स्पीकर पायलट गुटे विधायकों पर कार्रवाई नहीं कर पाएंगे. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि स्पीकर की अयोग्यता का मामला हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है.
कोर्ट का आदेश सचिन पायलट ग्रुप के लिए राहत के तौर पर आया है. हाई कोर्ट ने आगे की सुनवाई के लिए कोई तारीख नहीं दी है. वहीं दूसरी ओर इस मामले की सुनवाई सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट से अब तय होगा कि स्पीकर पायलट गुट के विधायकों पर कार्रवाई कर सकते हैं या नहीं.
बता दें कि अगर इस बीच विधानसभा का सत्र होता है और कांग्रेस व्हिप जारी करती है. पायलट गुट अगर इस व्हिप का उल्लंघन करता है तो स्पीकर उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं. यह पहले के नोटिस से बिल्कुल अलग मामला होगा.
राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट गुट के बीच शुरू हुई लड़ाई हाई कोर्ट में पहुंच गई थी. सचिन पायलट समेत 19 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष की ओर से मिले अयोग्य घोषित किए जाने के नोटिस के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की थी.
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