मुंबई: मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों के साथ मिली स्कॉर्पियो मामले में सीसीटीवी फुटेज में एक शख्स एंटीलिया के पास दिखाई दिया था. पहले जानकारी मिली थी महाराष्ट्र के निलंबित असिस्टेंड पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे ही पीपीई किट में थे. लेकिन अब एनआईए के सूत्रों की माने तो सचिन वाजे ने उस दिन पीपीई किट नहीं पहनी थी.
एनआईए को जांच में पता चला कि वो पीपीई किट नहीं बल्कि सफेद कुर्ता था. वीडियो को एनआईए ने बड़ी बारीकी से देखा और फिर पता चला कि वो पीपीई किट नहीं बल्कि उन्होंने कुर्ता पायजामा पहना था. वाजे ने उस दिन सफेद और ढीला फूल स्लीव वाला कुर्ता और पायजामा पहना हुआ था ताकि दूर से सीसीटीवी की आंखों में भी धूल झोंका जा सके.
इसके बाद वाजे ने बड़े रुमाल से अपना सर ढक लिया था जिससे कोई सीसीटीवी देखने के बाद किसी तरह का अंदाजा ना लगा पाए. वाजे ने चेहरा छुपाने के लिए मुंह पर बाकायदा बड़ा वाला मास्क पहना था ताकि सिर्फ आंख के अलावा पूरा चहरा ढंका रहे.
चोरी नहीं हुई थी स्कॉर्पियों
वाजे को पता था कि अगर वो पीपीई किट में बाहर निकलेगा तो किसी न किसी की नजर में आ जाएगा. इसी वजह से सचिन वाजे ने ढीला ढाला कुर्ता, पायजामा, रुमाल और बड़ा वाला मास्क का इस्तेमाल कर अपनी पहचान छुपाने की पूरी कोशिश की थी. मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एबीपी न्यूज को बताया कि विक्रोली पुलिस स्टेशन ने जो मनसुख की स्कॉर्पियों के चोरी का मामला दर्ज किया था उस मामले में पुलिस ने कुछ गड़बड़ की थी.
पुलिस ने बिना गाड़ी के मालिक (यानी कि पेपर पर मालिक) के ही गाड़ी चोरी की एफआईआर रजिस्टर कर ली थी. सीनियर अधिकारियों को शक है कि किसी ने उन्हें फोन कर नियमों का उलंघन कर एफआईआर रजिस्टर करने बोला था. इस मामले में इंटरनल इंक्वायरी के आदेश दिए गए हैं. अगर इस मामले में कोई अधिकारी दोषी पाया जाता है तो उस पर नियामों के तहत कानूनी करवाई की जा सकती है.
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