मुंबईः एंटीलिया कांड और मनसुख हिरण हत्या मामले में गिरफ्तार पूर्व क्राइम ब्रांच के अधिकारी और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वाझे पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप पर अब महाराष्ट्र की एंटी करप्शन ब्यूरो ने भी अपनी जांच शुरू कर दी है. आपको बता दें की टीआरपी मामले में वाझे पर 30 लाख की रिश्वत लेने के मामले में ईडी पहले से ही जांच कर रही है.


सूत्रों ने बताया कि इस जांच को आगे बढ़ाने के लिए एसीबी ने मुंबई पुलिस से इजाजत मांगी थी. किसी भी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े जांच आगे बढ़ाने से पहले उसके विभाग से इजाजत ली जाती है, इसी वजह से होम डिपार्टमेंट और मुम्बई पुलिस से परमिशन मांगी गई थी.


एसीबी के पत्र पर मुम्बई पुलिस ने कहा कि वाझे को एंटीलिया कांड के बाद से पुलिस विभाग से निकाला जा चुका है ऐसे में उन्हें उनकी इजाजत की जरूरत नही है. मुम्बई पुलिस के इस जवाब के बाद से अब एसीबी ने वाझे के खिलाफ जांच तेज कर दी है. वाझे के खिलाफ होने वाले रिश्वतखोरी के आरोपों के बाद अप्रैल महीने में ही एसीबी ने जांच के लिए होम डिपार्टमेंट से इजाजत मांगी थी.


इसके पहले वाझे के खिलाफ भ्रष्टाचार और संपत्ति के मामले में शिकायते मिली थी, इसमे से एक शिकायत ख्वाजा यूनुस मामले में निलंबित होने के बाद एसीबी को मिली थी. तो दूसरी शिकायत यानी कि संपति से जुड़ी थी को बिना नाम से आई थी वो भी तब जब वाझे दुबारा पुलिस विभाग में आ गए थे.


इसके पहले बिना नाम से मिली शिकायत पर जांच को आगे नही बढ़ाया जाता था पर साल 2015 में आये सरकारी परिपत्रक में मुताबिक ऐसे गुमनाम शिकायतों पर भी ध्यान देने को कहा गया था. पर अभी तक एसीबी में दोनों में से किसी भी मामलों में एफआईआर रजिस्टर नही किया है.


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