नई दिल्लीः दिल्ली हिंसा को लेकर शिरोमणी अकाली दल (एसएडी) के सासंद नरेश गुजराल ने दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में हुई हिंसा को देखकर 1984 के सिख विरोधी दंगों की याद आ जाती है.उन्होंने कहा कि मेरी शिकायत के बाद भी दिल्ली पुलिस की ओर से उन लोगों को कोई सुरक्षा नहीं मिली जिसे लेकर मैंने फरियाद की थी.


'सांसद की शिकायत पर नहीं हुई कार्रवाई'

गुजराल ने कहा, ''मैंने स्थिति को देखते हुए शिकायत की थी. मैंने अपनी शिकायत में बताया था कि मैं ससंद का सदस्य हूं. 11:43 बजे, मुझे दिल्ली पुलिस से इस बात की जानकारी दी गई कि मेरी शिकायत रजिस्टर्ड कर ली गई है. मेरी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई और उन 16 व्यक्तियों को कोई सहायता नहीं मिली.''

'1984 का दंगा दोबारा नहीं देखना चाहता'

सासंद ने कहा कि कोई भी व्यक्ति साल 1984 का दंगा दोबारा नहीं देखना चाहता है. उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में हिंसा के दौरान पुलिस अल्पसंख्यकों के जानमाल की रक्षा करने में सफल नहीं रही.


सासंद नरेश गुजराल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को खत लिखकर हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं.



दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक को खत लिखने के बाद नरेश गुजराल ने कहा कि शहर के कुछ हिस्सों में अल्पसंख्यक 'दहशत' में हैं. नरेश गुजराल पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के पुत्र हैं.


'सांसद की शिकायत पर कार्रवाई नहीं होती'


सांसद ने अपनी शिकायत में कथित तौर पर कार्रवाई न होने को लेकर दिल्ली पुलिस की निंदा की. शिकायत में उन्होंने पुलिस से अल्पसंख्यक समुदाय के 16 लोगों की मदद की मांग की थी.


पुलिस के एक्शन को लेकर गुजराल ने कहा, ''जब एक सांसद की शिकायत पर कार्रवाई नहीं होती तो अंदाज लगाया जा सकता है कि आम आदमी के साथ क्या होता होगा? कोई भी सभ्य भारतीय 1984 की पुनरावृत्ति नहीं चाहता.''