खत्म हुआ बुरहान वानी का पूरा गैंग, पूरी 11 की टीम में 10 ढेर, 1 ने किया सरेंडर
कश्मीर के शोपियां में आज सुरक्षाबलों ने आतंकवादी सद्दाम पद्दार को मार गिराया. जवानों ने लंबी मुठभेड़ में कश्मीर यूनिवर्सिटी के एक असिस्टेंट प्रोफेसर समेत पांच आतंकियों को मार गिराया.
श्रीनगर: कश्मीर के शोपियां में आज सुरक्षाबलों ने आतंकवादी सद्दाम पद्दार को मार गिराया. जवानों ने लंबी मुठभेड़ में कश्मीर यूनिवर्सिटी के एक असिस्टेंट प्रोफेसर समेत पांच आतंकियों को मार गिराया. मारे गए आतंकियों में सद्दाम पद्दार, मोहम्मद कफीक भट्ट, बिलाल मौलवी, आदिल मलिक और तवसीफ शेफ शामिल हैं. इसके साथ ही हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी बुरहान वानी गैंग का पूरी तरह सफाया हो गया है. भारतीय सेना के जवानों ने बुरहान गैंग के 10 लोगों को मार गिराया है जबकि एक शख्स तारिक पंडित ने सरेंडर कर दिया था.
बता दें कि आठ जुलाई 2016 को भारतीय सेना ने बुरहान वानी को मार गिराया था. इसके बाद ही कश्मीर में बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ था और कई जगह हिंसा की घटनाएं हुई थी. बुरहान वानी के गैंग में कुल 11 लोग थे. इनके नाम हैं सद्दाम पद्दार, बुरहान वानी, अदिल खांडे, नेसार पंडित, अफ्फाक भट्ट, सब्जार भट्ट, अनीस, अश्फाक डार, वसीम मल्लाह, वसीम शाह और तारिक पंडित. इनमें से 1 लोग मारे जा चुके हैं और तारिक पंडित ने सरेंडर किया था.
सद्दाम पिछले चार सालों से आतंकी गतिविधियों में सक्रिय था और बुरहान वानी का खास था. सद्दाम की मौत को सेना एक बड़ी कामयाबी के रूप में देख रही है और उम्मीद की जा रही है कि इससे अब घाटी में आतंकवाद में कमी आएगी.
कौन था बुरहान वानी
बुरहान मुजफ्फर वानी आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर था. वानी कश्मीर में त्राल की अच्छी और संपन्न परिवार से था. इसके पिता स्कूल प्रिन्सिपल थे. वानी 15 साल की उम्र में घर छोड़कर आतंकवादी बन गया था, वानी का बड़ा भाई खालिद मुजफ्फर भी आतंकवादी था जो पिछले साल सुरक्षा बलों के हाथों मारा गया था. 8 जुलाई 2016 को शाम 4 बजे शुरु हुआ. सेना का ऑपरेशान 15 मिनट तक चला जिसमें सेना ने वानी को मार गिराया.
बुरहान की मौत के बाद 2016 में 100 लोग, 2017 में 124 लोग और 2018 में 35 लोग ने आतंकवादी समूह में शामिल हुए थे. कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने के लिए ऑपरेशन ऑल आउट शुरू किया गया था जिसके बाद 2017 में कश्मीर में 213 आतंकी मारे गए थे.
घाटी में इस साल 2018 में अब तक 126 लोग आतंकी गतिविधियों में मारे जा चुके हैं जिसमें से 31 नागरिक, 63 आतंकवादी, तीन राजनैतिक कार्यकर्ता और 29 जवान शामिल हैं.