नई दिल्ली: भोपाल से बीजेपी की लोकसभा सांसद साध्वी प्रज्ञा द्वारा गोडसे को लेकर दिए गए बयान का मसला लोकसभा की आचार समिति ( Ethics Committee) की बैठक में उठ सकता है. समिति में शामिल विपक्षी सांसद इस मामले को उठा सकते हैं. हालांकि पहले से किसी और विषय पर चर्चा होनी थी लेकिन अब इस बैठक में साध्वी प्रज्ञा का मामला उठना तय माना जा रहा है.


लोकसभा की आचार समिति की आज बैठक बुलाई गई है. बैठक तो पहले से किसी और विषय पर चर्चा के लिए तय की गई थी लेकिन बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा के बयान पर मचे बवाल का मामला उठना अब तय माना जा रहा है. समिति में शामिल विपक्ष के सांसद इस मसले को उठाने की योजना बना रहे हैं. इनमें से एक सांसद ने एबीपी न्यूज़ से इस बात की पुष्टि की है. दरअसल शुक्रवार को लोकसभा में जब साध्वी प्रज्ञा अपने बयान पर सफाई दे रही थीं तब भी कई सांसदों ने इस मामले को आचार समिति के पास भेजने की मांग की थी.


सांसदों के लिए आचार संहिता बनाने पर चर्चा
बीजेपी सांसद और पार्टी के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष विनोद सोनकर इस समिति के अध्यक्ष हैं. इस नवगठित समिति की आज दूसरी बैठक है. बैठक का मुख्य एजेंडा लोकसभा सांसदों के लिए एक आचार संहिता बनाने पर चर्चा करना है. सूत्रों के मुताबिक समिति सांसदों के लिए एक आचार संहिता बनाने के साथ साथ उसे तोड़ने पर सजा का प्रावधान भी करना चाहती है. वैसे तो लोकसभा के सांसदों के लिए एक आचार संहिता बनाने की योजना 2015 में ही बनी थी लेकिन उसपर आगे काम नहीं हो सका. पिछली लोकसभा में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी समिति के अध्यक्ष थे लेकिन समिति की ज्यादा बैठकें नहीं हो पाईं थी.


कैसा हो सांसदों का आचरण
सूत्रों के मुताबिक समिति लोकसभा के सांसदों के आचरण पर एक रिपोर्ट तैयार करने पर विचार करेगी. सासंदों को सदन के वेल में आकर हंगामा करना चाहिए या नहीं, उन्हें सदन में नारेबाजी करनी चाहिए या नहीं, उन्हें अपने हाथों में बैनर और पोस्टर रखना चाहिए या नहीं, ये ऐसे सवाल हैं जिसपर समिति द्वारा विचार किए जाने की संभावना है. समिति में अध्यक्ष समेत कुल 15 सदस्य होते हैं. राज्यसभा के लिए अलग आचार समिति होती है.


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