नई दिल्ली: बार बार अपने बयानों से बीजेपी को बैकफुट पर लाने वाली भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा ने एक बार फिर पार्टी को असहज स्थिति में डालने वाला बयान दिया है. पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन पर बुलाई गई एक श्रद्धांजलि सभा में पहुंची साध्वी प्रज्ञा ने विपक्ष पर हमला बोलते बोलते कहा कि विपक्ष की मारक शक्ति की वजह से बीजेपी के कई नेताओं पर मुसीबत आई.


भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, ''मैं जब चुनाव लड़ रही थी तब एक महाराज जी आए थे, उन्होंने कहा था ये बहुत बुरा समय चल रहा है. आप अपनी साधना को बढ़ा लो. विपक्ष एक मारक शक्ति का प्रयोग आपकी पार्टी और उसके नेताओं के लिए कर रहा है ऐसे में आप सावधान रहें.''





साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, ''मैं यह बात भूल गई थी, लेकिन अब जब मैं ये देखती हूं कि हमारी पार्टी के नेता यूं एक के बाद एक जा रहे हैं तो मुझे लग रहा है कि कहीं ये सच तो नहीं? मगर ये सच है कि हमारा शीर्ष नेतृत्व हमारे बीच से असमय जा रहा है.''


अब बीजेपी के किसी नेता के पास ये जवाब नहीं कि भला विपक्ष की मारक शक्ति का क्या मतलब है. उसी सभा में ठीक साध्वी के सामने बैठे कैलाश विजयवर्गीय ने बयान से किनारा कर लिया. यही सवाल मध्यप्रदेश के कद्दावर बीजेपी नेता गोपाल भार्गव से पूछा गया तो वो भी हंसकर टालने लगे. गोपाल भार्गव ने कहा कि वो इससे सहमत नहीं हैं. साध्वी खुद भी सफाई देने से भाग रही हैं, वहीं उनकी वजह से बीजेपी फिर बैकफुट पर नजर आ रही है. यही वजह है कि बीजेपी के संगठन मंत्री ने उन्हें फिर तलब किया है.


सिंधिया का हमला, कहा- अपने गिरेबान में झांके बीजेपी
प्रज्ञा के बयान पर कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. सिंधिया ने कहा, "मुझे बड़ा अफसोस है कि एक जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति ने ऐसा बयान दिया है. बीजेपी को ऐसे व्यक्ति को अवसर देने पर अपने गिरेबान में झांकना चाहिये, क्योंकि देश में राजनीति का स्तर बनाये रखना बेहद महत्वपूर्ण और मुश्किल काम बन चुका है." उन्होंने कहा, "राजनीति का एक स्तर होना चाहिये. अगर राजनीतिक क्षेत्र या इसके बाहर का कोई भी व्यक्ति इस स्तर को नीचे गिराने की कोशिश करता है, तो इस पर तीखी प्रतिक्रिया होनी चाहिये."


...तब पीएम मोदी ने कहा था- दिल से माफ नहीं कर पाऊंगा
बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब साध्वी प्रज्ञा की वजह से बीजेपी की फजीहत हुई हो. लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान महात्मा गांधी के हत्यारे को साध्वी ने देशभक्त बता दिया था. उनके इस बयान पर प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि मैं उन्हें कभी दिल से माफ नहीं कर पाऊंगा. कुछ दिनों पहले ही उन्होंने सीहोर में अपने कार्यकर्ताओं के सामने कहा था कि वो नाली साफ करने के लिए सांसद नहीं बनीं हैं. उनके इस बयान के बाद काफी बवाल मचा था.