भोपाल: मुंबई हमले के शहीद हेमंत करकरो लेकर दए विवादित बयान को साध्वी प्रज्ञा ने अब वापस ले लिया है. साध्वी ने एमपी के बैरसिया में कहा कि वह मेरी पीड़ा थी इसलिए कहा, मेरे शब्दों से दुश्मनों को बल मिलता है तो मैं अपना बयान वापस लेती हूं. उन्होंने ये भी कहा कि दुश्मन की गोली से मरने वाला सम्मानीय है. बता दें कि हेमंत करकरे को लेकर साध्वी ने कहा कि मैंने श्राप दिया जिसके बाद वो आतंकियों कि गोली से मरा.


साध्वी ने अपना बयान वापस लेते हुए कहा, ''वह मेरी व्यक्तिगत मेरी पीड़ा थी जो मैंने सुनाई थी. मेरे शब्दों से दुश्मनों को बल मिलता है तो मैं अपना बयान वापस लेती हूं." हेमंत करकरे को शहीद मामने के सावल पर साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि दुश्मन की गोली से कई शहीद होता है तो उसका सम्मान निश्चित है. साध्वी ने कहा कि मैं तभी माला पहनूंगी जब भारत माता को विजय माल पहनाऊंगी.


राहुल गांधी ने साध्वी के बयान पर बोला हमला
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने साध्वी प्रज्ञा के हेमंत करकरे को लेकर दिए बयान पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने बिना नाम लिए ट्वीट किया, ''हेमंत करकरे ने भारत की रक्षा करते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया. उनका सम्मान किया जाना चाहिए.’’वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने विवादित टिप्पणी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी की मांग की है. कांग्रेस ने कहा कि वह प्रज्ञा के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करें. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह आरोप भी लगाया कि प्रज्ञा के 'अक्षम्य बयान' से 'अजमल कसाब के मित्र बीजेपी' का 'देशद्रोही चेहरा' सामने आ गया है.


बीजेपी ने दी सफाई- साध्वी का निजी बयान
शहीद के अपमान पर हंगामा हुआ तो बीजेपी को भी सफाई देनी पड़ी. बीजेपी ने बयान जारी कर कहा, "बीजेपी का स्पष्ट मानना है कि स्वर्गीय हेमंत करकरे आतंकवादियों से बहादुरी से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए. बीजेपी ने हमेशा उन्हें शहीद माना है. साध्वी का बयान निजी है जो उन्होंने सालों तक शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के कारण दिया होगा.''


आईपीएस एसोसिएशन ने की निंदा
साध्वी के बयान के बाद IPS एसोसिएशन ने निंदा की. आईपीएस एसोसिएशन ने ट्वीट किया, ''अशोक चक्र से सम्मानित शहीद हेमंत करकरे ने आतंकवाद से लड़ाई में अपना बलिदान दिया. IPS एसोसिएशन शहादत का अपमान करने वालों की निंदा करता है और मांग करता है कि सभी शहीदों का सम्मान होना चाहिए.''


क्या है पूरा मामला?
प्रज्ञा मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी हैं. इस मामले की जांच करकरे के नेतृत्व में हुई थी. गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने मुंबई के कई स्थानों पर हमले किए थे. उसी दौरान करकरे और मुंबई पुलिस के कुछ अन्य अधिकारी शहीद हुए थे. शहीद हेमंत करकरे मालेगांव ब्लास्ट मामले की जांच कर रहे थे, जिसकी आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर हैं. मालेगाव ब्लास्ट मामले में साध्वी प्रज्ञा 9 साल जेल में रही, इसी दौरान हेमंत करकरे ने उनसे पूछताछ की थी.