(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मुंबई: कोरोना योद्धा डॉक्टर्स को संक्रमण से बचाने के लिए बनाया गया SAFER क्लीनिक, जानें इसकी खासियत
'SAFER क्लीनिक' डॉक्टरों और कोरोना मरीजों को एक दूसरे से सीधा संपर्क में आने से बचाता है. 'SAFER क्लीनिक' को फिलहाल मुंबई के एक अस्पताल में रखा गया है जल्द ही इसे दूसरे अस्पतालों में भी रखा जाएगा.
मुंबई: कोरोना महामारी की चपेट में आज पूरा देश है. हर दिन के साथ कोरोना के आंकड़े भी तेजी से बढ़ते जा रहे है. कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे कोरोना योद्धा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए कोरोना योद्धा डॉक्टरों को इसके चपेट में आने से रोकने के लिए मुंबई के डीआईवाई हेल्थ के को-फाउंडर स्वप्निल पारिख द्वारा एक SAFER क्लीनिक का अविष्कार किया गया है.
बृहन्मुंबई महानगरपालिका और रिलायंस फाउंडेशन की मदद से सेफर (सेफ असेस्मेंट फ़ास्ट एंड इफेक्टिव रेज़ोल्यूशन) को अभी सरकारी अस्पताल नायर में रखा गया हैं जिसका उपयोग डॉक्टर कोरोना मरीजों के उपचार के लिए करते है.
क्या है SAFER क्लीनिक की खासियत? सेफर क्लीनिक का आविष्कार करने वाले डॉक्टर स्वप्निल बताते हैं कि कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए उहोंने इस क्लीनिक को मुंबई के डॉक्टर्स के लिए बनाया है. यह डॉक्टर्स और मरीज़ को एक दूसरे के सीधा संपर्क में आने से रोकता है और डॉक्टर को संक्रमित मरीज का इलाज करते समय कोरोना से ग्रस्त होने से बचाता है.
डॉक्टर स्वप्निल ने कहा, “हमने सेफर क्लीनिक में डॉक्टर्स के लिए छह केबिन बनाए हैं. केबिन के बीच के हिस्से में ग्लास शील्ड लगाया है. शील्ड पर ग्लास ग्लव्स लगाए गए हैं, वॉइस मशीन और स्टेथोस्कोप भी लगाया गया है जिसका उपयोग डॉक्टर मरीजों के उपचार के लिए करेंगे. डॉक्टर मरीज़ों के सीधा संपर्क में आए बिना उन्हें चेक कर सकते हैं.’’ स्वप्निल और नायर डॉक्टर की टीम इसका इस्तेमाल कोरोना मरीजों या लक्षण वाले मरीजों के लिए कर रही है.
मुंबई के कई अस्पतालों में रखने पर विचार सेफर क्लीनिक को अभी मुंबई के सरकारी अस्पताल नायर में रखा गया है. बीएमसी और रिलाइंस फाउंडेशन इसी तरह के क्लीनिक को मुंबई के कई अस्पतालों में रखने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं.
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