नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय का पैरोल आज 19 जून तक बढ़ा दिया, साथ ही यह आगाह किया कि अगर वह 15 जून तक 1,500 करोड़ रपये का भुगतान करने में विफल रहते हैं तो उन्हें फिर से जेल भेजा जा सकता है.


न्यायालय के आदेश के अनुसार राय आज उच्चतम न्यायालय में पेश हुए. न्यायालय ने कहा कि उन्हें उसके द्वारा तय कार्यक्रम के अनुसार बराबर धन का न जमा कराना है. ऐसा न करने पर उन्हें जेल जाना पड़ सकता है.

सहारा प्रमुख ने न्यायाधीश दीपक मिश्र, न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायाधीश ए के सिकरी की पीठ के समक्ष हलफनामा देते हुए कहा कि वह 15 जून तक सेबी-सहारा खाते में 1,500 करोड़ रपये का भुगतान करेंगे और 15 जुलाई तक और 552.22 करोड़ रपये जमा कराएंगे. शीर्ष अदालत ने राय को आगाह करते हुए कहा कि अगर राशि का भुगतान नहीं किया गया, उन्हें फिर से जेल जाना होगा.

पीठ ने चेन्नई के प्रकाश स्वामी को गिरफ्तार करने का भी आदेश दिया क्योंकि वह पिछले आदेश के अनुसार 10 करोड़ रपये जमा करने में विफल रहे. उन्हें न्यायालय की अवमानना को लेकर एक महीने जेल में रहना होगा.

स्वामी ने एक विदेशी कंपनी की तरफ से हलफनामा देकर सहारा के न्यूयार्क स्थित होटल को खरीदने की इच्छा जतायी थी. वह शीर्ष अदालत के निर्देश का पालन करने में विफल रहे. न्यायालय ने संपत्ति खरीदने की इच्छा और पात्रता का पता लगाने के लिये राशि न्यायालय में जमा करने का निर्देश दिया था.

पीठ ने सहारा समूह को इलेक्ट्रानिक भुगतान आरटीजीएस के जरिये 15 जून से पहले सेबी-सहारा खाते में राशि भेजने की अनुमति दे दी.

शीर्ष अदालत ने राय से मामले की अगली सुनवाई की तारीख 19 को स्वयं उपस्थित हो को भी कहा.

न्यायालय ने बंबई उच्च न्यायालय के आधिकारिक परिसमापक से एंबे वैली की नीलामी की शर्तें तैयार करने और 19 जून को मंजूरी के लिए उसके समक्ष रखने को कहा.