Saharanpur: सहारनपुर की 7 विधानसभा सीटो पर है कांटे की टक्कर, मजदूर समेत यूवाओं चाहते हैं इस पार्टी का चेहरा
Saharanpur: एबीपी न्यूज़ की टीम ने सहारनपुर पहुंचकर जाना कि मजदूर तबके लोग जिले के लिए किस पार्टी को देखना चाहते हैं.
Saharanpur: यूपी विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही सियासी घमासान तेज होता जा रहा है. तमाम राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने के लिए अपने तरकश के हर तीर आजमा रहे हैं. दूसरे चरण में सहारनपुर के सभी सातों विधानसभा सीटों पर वोटिंग होनी है. बेहट, नाकुर, सहारनपुर नगर, सहारनपुर, देवबंद, रामपुर मनिहरन और गंगोह में 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे.
लकड़ी के काम से दुनिया भर में प्रसिद्ध सहारनपुर में मजदूरों के क्या मुद्दे हैं उनका पार्टियों को लेकर क्या सोच है इसको जानने के लिए एबीपी की टीम सहारनपुर पहुंची और जाना कि लोग जिले के लिए क्या चाहते हैं. आइये जानते हैं क्या है मजदूरों का कहना...
सहारनपुर में जिस वर्कशॉप में एबीपी की टीम पुहंची वहां लकड़ी का काम होता है. लकड़ी पर नक्काशी होती है इस वर्कशॉप में महिलाएं और युवा काम करते हैं. गोमती नाम की महिला से बात की उन्होंने कहा, "16-17 साल से कम कर रही हूं, काम से खुश हूं रोज़ी मिल रही है. हालांकि, हमारा अब तक राशन कार्ड नहीं बना हुआ है. 3-4 बार फॉर्म भर लिया अब तक कुछ नहीं हुआ है. 17-18 साल हो गए राशन कार्ड नहीं बन के दिया है. हमें तो राशन भी नहीं मिलता है, हम मजदूरी करते हैं और रोटी खाते हैं."
हमें कोटे से हमारा पूरा अनाज नहीं मिलता है- कविता
लकड़ी के कारखाने में मजदूरी का काम करने वाली कविता ने बताया कि कैसे उन्हें अनाज की समस्या है. उन्होंने कहा, हमें कोटे से हमारा पूरा अनाज नहीं मिलता है. सिर्फ तीन घड़ी अनाज मिलता है. बच्चे का भी नाम काट दिया कहते हैं साथ ही कहते हैं उपर से ही नहीं आ रहा अनाज."
सभी युवा बेरोजगार फिर रहे हैं- यूवा
युवाओं के मुद्दे अलग है उनके लिए नौकरियां और अफसर मिलना एक बड़ा मुद्दा है. इस कारखाने में काम करने वाले मोहम्मद अखलाक से हमने बात की. उन्होंने बताया कि कैसे पढ़ने लिखने के बाद भी उनको नौकरी नहीं मिली और वह 6 सालों से मजदूरी कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "विकास तो है नहीं. पढ़-लिख के यहां पर फिर यही काम करना पड़ रहा है. मैंने आईटीआई इलेक्ट्रिशियन से बीए कर रखा है. 6 साल से यही काम कर रहे हैं. यूपी पुलिस के आर्मी के हर चीज के फॉर्म भरे उसके अलावा भी नौकरी तलाश की लेकिन कहीं नौकरी नहीं मिली. पढ़-लिख कर कोई फायदा नहीं हो रहा है सभी युवा बेरोजगार फिर रहे हैं."
मौजूदा सरकार से बेहद खुश हैं- अरुण कुमार सैनी
फर्स्ट टाइम वोटर्स जाने की पहली बार वोट डालने वाले युवाओं के लिए क्या है मुद्दे और पिछले कुछ सालों में क्या कुछ उन्होंने राजनीति में देखा और कितने संतुष्ट वह है. इस बात का जिक्र करते हुए अरुण कुमार सैनी ने बताया कि वह मौजूदा सरकार से बेहद खुश हैं और वह इसी रुझान पर ही अपना वोट डालेंगे क्योंकि उनके घर परिवार से भी बीजेपी को समर्थन मिलता आया है और वह भी बीजेपी को ही समर्थन देंगे.
जहां एक तरफ मजदूर तबके ने अपने अपने मुद्दे और अपनी अपनी राय दी तो वहीं जो व्यापारी तब का था उसने भी मुद्दों पर बात की. व्यापारियों का कहना है किस सरकार में ओडीओपी कहते हैं तो उन्हें काफी फायदा मिला तो वहीं व्यापारियों के लिए कुछ पॉलिसीज बेहद फायदेमंद हुई तो वहीं जीएसटी एमआईएससी जैसे मुद्दों को उठाते हुए कहीं व्यापारियों ने निराशा भी जाहिर की.
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