मुंबई: शिर्डी के साईं बाबा के जन्म स्थल को लेकर चल रहा विवाद खत्म होता दिखाई दे रहा है. महाराष्ट्र सरकार ने पाथरी को साईं बाबा का जन्म स्थल मानकर विकास के लिए फंड जारी किया था. जिसके बाद शिरडी के नागरिकों ने विरोध में शिर्डी बंद कर दिया था.
सोमवार को शिर्डी के जनप्रतिनिधि मंडल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुंबई के एक गेस्ट हाउस में मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान साईं बाबा की जन्म स्थली को लेकर चर्चा हुई. इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे नेताओं ने दावा किया है कि इस मामले को सुलझा लिया गया है. विधायक राधाकृष्ण पाटिल ने कहा कि आंदोलन को वापस ले लिया गया है उन्होंने यह भी कहा कि किसी तीर्थ स्थान के विकास का कोई विरोध नहीं है.
दरअसल साईं बाबा की जन्म स्थली को लेकर सरकार के फैसले के बाद रविवार को शिर्डी वासियों ने बंद का आह्वान किया था. जिसके बाद रविवार को पूरे दिन शिरडी की दुकानें, होटल सब कुछ बंद रहा. लोगों ने सड़कों पर उतरकर सरकार का विरोध किया. जिसके चलते देर शाम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की तरफ से शिरडी के लोगों को मुलाकात के लिए बुलाया गया. जिसके बाद शिरडी वासियों ने सोमवार को अपना अघोषित बंद स्थाई रूप से निलंबित कर दिया था.
वहीं आज शिर्डी से विधायक राधाकृष्ण विखे पाटील, सांसद सदाशिव लोखंडे और शिर्डी के प्रख्यात नागरिक मुख्यमंत्री से मुलाकात की. जिसके बाद सदाशिव लोखंडे और विधायक पाटिल ने कहा कि चर्चा से वह संतुष्ट हैं.
शिर्डी के साईं बाबा को लेकर बार-बार विवाद होता रहा है. इस बार सीएम उद्धव ठाकरे द्वारा साईं बाबा के जन्मस्थान पाथरी को बताने पर हुआ. जिसके बाद शिर्डी के लोगों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन किया. महाराष्ट्र सरकार के मंत्री अब्दुल सत्तार ने बताया मुख्यमंत्री का इरादा शिर्डी के अपमान की बिल्कुल नहीं था. सत्तार ने यह भी अंदेशा जताया कि षड्यंत्र के तहत विरोध प्रदर्शन की बात हो सकती है.
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