'नए साल का जश्न इस्लाम में हराम', मौलाना शाहबुद्दीन के फतवे पर आया साजिद रशीदी का बयान, बोले- 'वो ऐसा...'
Fatwa On New Year Celebration: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने रविवार (29 दिसंबर) को नए साल का जश्न मनाने को लेकर फतवा जारी किया था.
Fatwa On New Year Celebration: नए साल से पहले ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने नए साल के जश्न में शामिल होने और बधाई देने के खिलाफ फतवा जारी किया था. उन्होंने मुसलमानों को ऐसा न करे की हिदायत दी है.
इस दौरान उन्होंने कहा था कि ऐसा करने वाले शरीयत की नजर में मुजरिम हैं. मुसलमान ऐसा काम हरगिज न करें. इस पर अब मौलाना साजिद रशीदी ने बड़ा बयान दिया है.
फतवे को लेकर मौलाना साजिद रशीदी ने कही ये बात
नए साल के जश्न में शामिल होने और बधाई देने के खिलाफ जारी फतवे को लेकर मौलाना साजिद रशीदी ने कहा, "नए साल में मुबारकबाद देने में कोई हर्ज नहीं है. इस्लाम में नाच, गाना, डीजे और शराब पीना मना है. टीवी पर फतवेबाजी हाईलाइट होने के लिए की गई है. वो मौलाना हैं और वो फतवे जारी नहीं कर सकते हैं."
स्वामी चक्रपाणि के बयान पर भी दिया जवान
स्वामी चक्रपाणि ने कहा था, "बरेलवी साहब तो सिर्फ अपने मानने वालों को ही सही समझते हैं और दूसरों को काफिर और कचड़ा समझते हैं. हम भी यह नववर्ष नहीं मनाते हैं लेकिन इसकी मान्यता हर जगह है इसलिए इसका सम्मान करना चाहिए। उनके इस बयान पर उन्होंने कहा, "चक्रपाणि से कहिए कि वो क्लब में डांस करें. हम भी देखना चाहते हैं कि वो कैसे शराब पीते हैं और डांस करते हैं. 2024 में जो कमियां रह गई हैं, वो 2025 में पूरी कर लें. ये यूरोप का कल्चर है और हमें अपना कल्चर भी देखना चाहिए.
वीडियो जारी करके कही थी ये बात
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने वीडियो जारी कर कहा, "चश्मे दारूल इफ्ता बरेली शरीफ ने नए साल के जश्न मनाने पर फतवा जारी किया है. फतवे में कहा गया है कि जनवरी में जो अंग्रेजी कैलेंडर का नया साल आता है, उसे मनाना मुसलमानों के लिए उचित नहीं है. इसमें यह भी कहा गया है कि कई मुसलमान लड़के और लड़कियां नए साल का जश्न मनाते हैं और एक-दूसरे को मुबारकबाद देते हैं,जो ईसाइयों का धार्मिक रस्म है. इस्लाम में किसी भी दूसरे धर्म के धार्मिक रस्मों में शामिल होना या उनका पालन करना मना है."
उन्होंने आगे कहा, “फतवे में यह भी कहा गया कि नए साल के जश्न में नाच-गाना, शोर-शराबा, शराब पीना, जुआ खेलना जैसे काम होते हैं, जो इस्लाम में सख्ती से मना किए गए हैं. जो भी मुसलमान इस तरह के कार्यक्रमों में शामिल होगा, उसे गुनहगार माना जाएगा.
मौलाना कारी इस्हाक गोरा ने किया था समर्थन
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जमीयत दावतुल मुसलमीन के संरक्षक मौलाना कारी इस्हाक गोरा ने रविवार को मुसलमानों से नए साल का जश्न न मनाने की अपील की. मौलाना कारी इस्हाक गोरा ने कहा कि मजहब इस्लाम नए साल पर जश्न मनाने की इजाजत नहीं देता. सभी मुसलमानों से अपील की जाती है कि वे पार्टी, म्यूजिक, डांस और आतिशबाजी जैसी खुराफात से बचने की कोशिश करें.