1984 सिख दंगे: कड़ी सुरक्षा के बीच सज्जन कुमार को दिल्ली की मंडोली जेल ले जाया गया
अदालत के निर्देश के बाद उसे कैदियों को ले जाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक अलग बस में जेल लाया गया. बस की सुरक्षा में दो वाहन चल रहे थे.
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार को सोमवार को कड़कड़डूमा कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के बाद मंडोली जेल ले जाया गया. कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगों में उसकी भूमिका को लेकर जीवन पर्यंत कारावास की सजा सुनायी गई है. सूत्रों ने कहा कि कुमार को जेल नम्बर 14 में रखा जाएगा. दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में चिकित्सकीय परीक्षण के बाद पुलिस उसे जेल लेकर आयी.
सूत्रों ने बताया कि जेल चिकित्सक द्वारा चिकित्सकीय जांच की जा रही है. अदालत के निर्देश के बाद उसे कैदियों को ले जाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक अलग बस में जेल लाया गया. बस की सुरक्षा में दो वाहन चल रहे थे.
कुमार (73) ने मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट अदिति गर्ग के समक्ष आत्मसमर्पण किया जिन्होंने निर्देश दिया कि उसे उत्तर-पूर्वी दिल्ली की मंडोली जेल में रखा जाए. दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार के आत्मसमर्पण करने के लिए 31 दिसम्बर की अंतिम समयसीमा तय की थी. अदालत ने 21 दिसम्बर को आत्मसमर्पण के लिये समय-सीमा एक महीने के लिए बढ़ाने के अनुरोध वाली सज्जन कुमार की अर्जी खारिज कर दी थी.
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हाईकोर्ट ने 17 दिसम्बर को कुमार को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. सज्जन कुमार ने अपनी दोषसिद्धि के बाद कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. कुमार को दक्षिण पश्चिमी दिल्ली की पालम कॉलोनी के राज नगर पार्ट-1 क्षेत्र में एक-दो नवंबर 1984 को पांच सिखों की हत्या और राज नगर पार्ट-दो में एक गुरुद्वारा जलाने के मामले में दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई गई थी.
ये दंगे 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के बाद भड़के थे.
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