नई दिल्ली: जनसंख्या नियंत्रण पर कानून अब भगवाधारियों का सबसे प्रिय विषय बनता जा रहा है. बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि समान नागरिक संहिता पर कानून आए चाहे ना आए लेकिन इस सत्र में जनसंख्या नियंत्रण पर कानून लाना चाहिए. देश में जनसंख्या के एटमी विस्फोट को रोकने के लिए यह कानून बेहद जरूरी है.


जनसंख्या नियंत्रण के लिए संघ परिवार के तमाम संगठन और बीजेपी के मुख्य नेता गिरिराज सिंह इस मुद्दे को अक्सर उठाते रहे थे, लेकिन जनसंख्या नियंत्रण के कानून की मांग को तब पर लग गए जब लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को गंभीर समस्या बता दिया.


'उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण देशभक्ति है. देशभक्ति कोई साधारण कर्मकांड नहीं है. राष्ट्र के प्रति जरूरी दायित्वों का निर्वहन देशभक्ति है. जनसंख्या वृद्धि देश के लिए चुनौती है और इसके नियंत्रण के लिए प्रयास प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है'.


आपको बताते चलें कि साल 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने 11 सदस्य संविधान समीक्षा आयोग जस्टिस  चिरैया के नेतृत्व में बनाया था. आयोग ने 2 वर्ष की मेहनत के बाद संविधान में आर्टिकल 47 ए जोड़ने और जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने का सुझाव दिया था. बीजेपी सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि, 'हम दो हमारे दो कानून से देश की 50 फीसदी समस्याओं का समाधान हो जाएगा'

सुप्रीम कोर्ट भी सुनवाई के दौरान जनसंख्या नियंत्रण को लेकर टिप्पणी कर चुका है. इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय याचिका भी दाखिल कर चुके हैं. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था. इसी साल जुलाई महीने में जनसंख्या नियंत्रण के कानून को लेकर बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा प्राइवेट मेंबर बिल भी लाए थे और इस पर 2 घंटे लंबी चर्चा भी हुई थी.


जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग के मद्देनजर यह मुद्दा बेहद संवेदनशील है. कुछ लोग कानून की मांग को धार्मिक रंग देने में जुटे हुए हैं अब बड़ा सवाल यह है कि क्या सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून लाएगी ?