मुंबई: गैंगस्टर अबु सलेम ने खुद को पुर्तगाल वापस भेजे जाने के लिये यूरोपीय संघ अदालत का दरवाजा खटखटाया है. सलेम को भारत में मुकदमे का सामना करने के लिये पुर्तगाल से प्रत्यपर्ति किया गया था. सलेम को 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले में भूमिका के लिये दोषी ठहराया गया है. सलेम ने इस सप्ताह की शुरूआत में 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले में दोषी ठहराए जाने से पहले यूरोपीय संघ अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
सलेम की वकील सभा कुरैशी ने कहा, हमने यूरोपीय संघ के तहत यूरोपीय मानवाधिकार अदालत (ईसीएचआर) का दरवाजा खटखटाया है. हमने उसे वापस पुर्तगाल बुलाने की मांग की है, क्योंकि उसके प्रत्यर्पण आदेश में कई उल्लंघन हुए हैं. सलेम ने दावा किया कि पुर्तगाल की अदालत के उसके प्रत्यर्पण के लिये 2014 के आदेश को समाप्त करने के बाद भारत में उसके खिलाफ समूचा मुकदमा अवैध हो गया है.
कुरैशी ने कहा कि उसके प्रत्यर्पण आदेश में यह शर्त थी कि उसे मौत की सजा नहीं सुनाई जाएगी, लेकिन उसके खिलाफ उन आरोपों को लेकर मुकदमा चलाया गया जिसके लिये मौत की सजा का प्रावधान है.
साल 2005 में सलेम के प्रत्यर्पण की अनुमति देते हुए पुर्तगाल की अदालत ने कहा था कि सलेम को मौत की सजा नहीं दी जा सकती. ईसीएचआर को दी गई अपनी अर्जी में सलेम ने पुर्तगाल को यह निर्देश देने की मांग की है कि उसे वापस बुलाने के लिये कदम उठाया जाए.
कुरैशी ने बताया कि अदालत ने पुर्तगाल से अपना जवाब दाखिल करने को कहा है. सलेम के वकीलों ने कहा था कि प्रत्यर्पण समाप्त किये जाने के बावजूद पुर्तगाल ने उसे वापस बुलाने के लिये कोई कदम नहीं उठाया है. इससे पहले, पिछले महीने ईसीएचआर ने 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में कुछ दस्तावेज मांगे थे.