मुंबई: बीते 10 फरवरी को तब इतिहास बन गया जब सलमा खान को 'मुंबई डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस सबअर्बन अथॉरिटी' की लोक अदालत का पैनल मेंबर चुना गया. इस पद को पाने वाली सलमा पहली ट्रांसजेंडर हैं. इसी के साथ वो ट्रांसजेंडर महिलाओं की उस लीग का हिस्सा बन गईं जिसने सामाजिक ताने-बाने में अपनी जगह बनाने में सफलता पाई है.


ऐसी ही सफलता पाने वालों में बंगाल की ज्योति मंडल (जज), छत्तीसगढ़ की अमृता अल्पेश (एडवोकेसी ऑफिसर) जैसे ट्रांसजेडर का नाम शामिल है. आपको बता दें कि सलमा के पास सोशल वर्क में पोस्ट ग्रैजुएट की डिग्री है. 40 साल की सलमा के साथ 15 और ट्रांसजेडर इस प्रयास में लगे हुए थे कि उनमें से किसी को ये पद मिल जाए लेकिन अंत में ये सलमा को हासिल हुआ.


सलमा लोक अदालत की कोर्ट संख्या एक में बाकी के दो सदस्यों के साथ काम करेंगी. ये लोक अदालत लोन डिफॉल्ट और बैंकिंग से जुड़े मामलों को हल करने का काम करती है. आपको बता दें कि सलमा 1986 से ही ट्रांसजेंडरों के लिए काम कर रही हैं. वो 'किन्नर मां सामाजिक संस्था ट्रस्ट' की प्रेसिडेंट भी हैं.