Explained: किसी पर जानलेवा हमला तो किसी को छोड़ना पड़ा देश, अपनी किताबों को लेकर विवादों में रहे हैं ये मशहूर लेखक
Salman Rushdie: सलमान रुश्दी की किताब द सैटेनिक वर्सेज़ (The Satanic Verses) के प्रकाशन के करीब एक साल बाद ईरान के टॉप नेता अयातुल्ला खुमैनी ने लेखक के खिलाफ मौत का फ़तवा जारी किया था.
Salman Rushdie Attacked: अमेरिका के न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान अंग्रेजी भाषा के जाने माने लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) पर चाकू से हमला कर दिया गया. न्यूयॉर्क पुलिस ने हमलावर की पहचान 24 साल के हादी मतर (Hadi Matar) के तौर पर की है. भारतीय मूल के अंग्रेजी लेखक सलमान रुश्दी 1980 के दशक में अपनी किताब द सैटेनिक वर्सेज़ (The Satanic Verses) को लेकर विवादों में आए थे.
सलमान रुश्दी की किताब द सैटेनिक वर्सेज़ (The Satanic Verses) के प्रकाशन के करीब एक साल बाद ईरान के टॉप नेता अयातुल्ला खुमैनी ने लेखक के खिलाफ मौत का फ़तवा जारी किया था.
'द सैटेनिक वर्सेज़' को लेकर विवादों में रहे रुश्दी
सलमान रुश्दी की किताब 'द सैटेनिक वर्सेज़' साल 1988 में प्रकाशित हुई थी. ये उनकी चौथी किताब थी. इस उपन्यास के छपते ही कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों में आक्रोश की भावना फैल गई. मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने इसे ईशनिंदा माना. दुनिया के कई हिस्सों में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन हुए थे. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खुमैनी ने रुश्दी के खिलाफ मौत का फ़तवा जारी किया था. विरोध प्रदर्शन में कई लोग हिंसा का शिकार हुए थे. सलमान रुश्दी करीब 10 साल तक छिपे रहे. उनकी इस किताब पर आ भी भारत और कई मुस्लिम बहुल वाले देशों में बैन है.
तसलीमा नसरीन
तसलीमा नसरीन मूलरूप से बांग्लादेश की रहने वाली लेखिका हैं. 1990 के दशक में इन्होंने कई निबंध और उपन्यास लिखे और दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. उपन्यास 'लज्जा' की वजह से तसलीमा काफी सुर्खियों में रहीं. साल 1993 में उनके चर्चित उपन्यास ‘लज्जा’ के प्रकाशन के बाद तसलीमा को बांग्लादेश से निकाल दिया गया था. इस किताब को बांग्लादेश में बैन कर दिया गया था. इस उपन्यास की कहानी एक हिंदू परिवार पर केंद्रित थी, जो कट्टरपंथी हिंसा के बाद देश छोड़ने को मजबूर हो गया था. इन पर भी हमले के कई प्रयास हुए. तसलीमा अभी भारत में निर्वासित जीवन बिता रही हैं.
'लोलिता' से विवादों में रहे व्लादिमीर नाबोकोव
व्लादिमीर नाबोकोव ने साल 1955 में उपन्यास 'लोलिता' (Lolita) को लिखा था. ये किताब काफी विवादों में रही. इस उपन्यास में साहित्य के एक प्रोफेसर की 12 साल की अमेरिकी लड़की डोलोरेस हेज़ के प्रति आकर्षण का जिक्र किया गया है. लोलिता का कामुक उपन्यास की श्रेणी में रखा गया. कई अमेरिकी प्रकाशकों ने इसे प्रकाशित करने से रोक दिया था. वहीं, ब्रिटिश सरकार ने उनके देश में आने वाली सभी प्रतियों को जब्त करने का निर्देश दिया था. फ्रांस ने भी उपन्यास 'लोलिता' पर दो साल का प्रतिबंध लगा दिया था.
द हिंदू: एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री- वेंडी डोनिगर
अमेरिकी लेखिका वेंडी डोनिगर (Wendy Doniger) की यह किताब भी काफी विवादों में रही. भारत में इस किताब की खूब आलोचना हुई. इस किताब में हिंदू देवी देवताओं का मजाक बनाने के कारण बैन कर दिया गया. साल 2011 में शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति के संस्थापक ने इस किताब के खिलाफ मुकदमा दायर कराया था. बाद में इस किताब को भारतीय बाजार से वापस ले लिया गया और प्रकाशक ने 6 महीनों के अंदर मौजूदा किताब की प्रतियों को नष्ट करने पर सहमति जताई.
'नाइन ऑवर्स टू रामा'- स्टैनले वोलपर्ट
अमेरिकी लेखक (US Author) स्टैनले वोलपर्ट (Stanley Bolpart) ने किताब 'नाइन ऑवर्स टू रामा' (Nine Hours To Rama) लिखी थी. ये किताब भी काफी सुर्खियों में रही. इस किताब में लेखक ने गोड्से के हाथों महात्मा गांधी की हत्या के आखिरी कुछ घंटों का विवरण दिया था. 'नाइन ऑवर्स टू रामा' को 1962 में बैन कर दिया गया था. इस किताब पर बनी फिल्म पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था. अमेरिकी लेखक वोलपर्ट ने जिन्ना पर भी पुस्तक लिखी थी. ये किताब भी विवादों में रही और उसे पाकिस्तान में प्रतिबंधित कर दिया गया था.
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