Sam Pitroda On 2024 Election: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा है, "भारत के लोगों को यह तय करना होगा कि वे हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं या वे एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना चाहते हैं, जो वास्तव में धर्मनिरपेक्ष हो. जिसमें समावेश, विविधता और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित हो."
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि भारत के लोग देश के भविष्य के लिए जवाब देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि भारत में धर्म को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है, जबकि यह निजी विषय है. इस राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए.
"2024 का चुनाव भारत के भविष्य के लिए अहम"
उन्होंने कहा, "2024 का चुनाव भारत के भविष्य के लिए अहम है. मुझे उम्मीद है कि भारत के लोग सोचेंगे कि 2024 का चुनाव भारत के भविष्य के लिए कितना जरूरी है. हम चौराहे पर हैं और भारत के लोगों को तय करना होगा कि वे किस तरह का राष्ट्र बनाना चाहते हैं. क्या वे हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं या क्या वे एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना चाहते हैं जो वास्तव में धर्मनिरपेक्ष और ग्रामीण हो, जिसमें समावेश, विविधता और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित हो."
विदेशों में राहुल गांधी के बयान का किया बचाव
उन्होंने राहुल गांधी द्वारा विदेशों में दिए गए उन बयानों पर भी प्रतिक्रिया दे जिसमें गांधी पर विदेशी भूमि पर देश के अपमान का आरोप लगाया गया है. सैम ने कहा कि जब हम विदेश जाते हैं तो भारत की आलोचना नहीं करते बल्कि हम भारत सरकार की आलोचना करते हैं, ये दो अलग चीजें हैं. भारत सरकार की आलोचना और भारत की आलोचना में भ्रमित नहीं होना चाहिए. भारत बहुत बड़ा है और सबसे महत्वपूर्ण है.
"दुनिया का भविष्य तय कर सकता है भारत"
उन्होंने कहा, "हमें भारत को लेकर एक वैश्विक मंच पर चर्चा करने का अधिकार और जिम्मेदारी है. भारत छोटा देश नहीं है. भारत दुनिया की नियति तय कर सकता है. यह इस पृथ्वी पर सबसे अधिक आबादी वाला देश है, इसलिए हमें दुनिया से बात करनी चाहिए. यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम सभी वैश्विक नेताओं से मिलें और उन्हें समझाएं कि हम कौन हैं, क्या हैं, और हम क्या मानते हैं. कोई भी भारत का अपमान नहीं कर सकता.
" धर्म निजी विषय, इसे देश का मुद्दा बनाया जा रहा"
सैम पित्रोदा ने आगे कहा, "मुझे किसी भी धर्म से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन मुझे समस्या तब होती है जब धर्म जैसे निजी विषय को देश का मुद्दा बनाया जा रहा है." राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में पीएम नरेंद्र मोदी के शामिल होने को लेकर सवाल खड़ा करते हुए सैम ने कहा, "कभी-कभार मंदिर के दर्शन के लिए जाना ठीक है, लेकिन आप उसे मुख्य मंच नहीं बना सकते हैं. 40 प्रतिशत लोग भाजपा को वोट देते हैं. 60 प्रतिशत लोग भाजपा को वोट नहीं देते हैं. वह हर किसी के प्रधानमंत्री हैं न कि किसी पार्टी के. यही संदेश भारत के लोग प्रधानमंत्री से चाहते हैं." उन्होंने पूछा, "क्या राम मंदिर असली मुद्दा है या बेरोजगारी एक असली मुद्दा है?
"धर्म को बहुत महत्व दिया जा रहा"
उन्होंने कहा, "मैं चिंतित हूं क्योंकि धर्म को बहुत ज्यादा महत्व दिया जा रहा है. मैं देख रहा हूं कि लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है. जब 10 साल तक किसी देश का प्रधानमंत्री एक प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करता है, यह मुझे परेशान करता है. जब प्रधानमंत्री को किसी राष्ट्रीय स्टेडियम का नाम अपने नाम पर रखने में कोई समस्या नहीं है, जबकि वह जीवित हैं, यह बात मुझे परेशान करती है. मेरे लिए धर्म एक व्यक्तिगत चीज है. इसे राष्ट्रीय एजेंडे के साथ भ्रमित न करें."
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