लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कथित पीएफ (भविष्यनिधि) घोटाले को लेकर विपक्षी पार्टियां योगी सरकार को कठघरे में खड़ी कर रही है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भविष्यनिधि का गलत तरीके से निवेश कराए जाने के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि इस घोटाले के लिए सिर्फ प्रदेश की बीजेपी सरकार ही जिम्मेदार है और इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस्तीफा दे देना चाहिए.


पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने इस घोटाले का दरवाजा अपनी सरकार में खोले जाने के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के आरोप का जवाब देते हुए प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ''समाजवादी पार्टी के शासनकाल में कर्मचारियों की भविष्य निधि का एक भी पैसा डीएचएफएल में निवेश नहीं किया गया.''


उन्होंने कहा, ''जिस समय डीएचएफएल मैं पैसा निवेश किया गया उस वक्त प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार नहीं थी. इस घोटाले के मामले में जो मुकदमा दर्ज हुआ है उसमें भी यही बात लिखी है. समाजवादी पार्टी सरकार के समय में एक भी पैसा डीएचएफएल को नहीं दिया गया.''


अखिलेश यादव ने कहा कि इस घोटाले के लिए सिर्फ प्रदेश की बीजेपी सरकार और खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोषी हैं. उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. मुख्यमंत्री चाहते होंगे कि ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को हटा दिया जाए, मैं इसीलिए मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांग रहा हूं.


उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की मांग है कि इस मामले की जांच हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के किसी सेवारत जज से कराई जाए. जब तक यह जांच नहीं होगी तब तक सच्चाई बाहर नहीं आ सकती है क्योंकि सरकार ने सच्चाई को छुपाने के लिए जल्दबाजी में सीबीआई जांच की सिफारिश की है.


अखिलेश ने इस मामले में बिजली विभाग के सभी जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही की मांग करते हुए कहा कि अगर वह अफसर अपने पद पर बैठे रहेंगे तो निष्पक्ष जांच संभव नहीं है. अखिलेश ने दावा किया कि योगी सरकार अपने अंदर चल रही लड़ाई को छुपाना चाहती है. आज अगर सत्ताधारी दल के विधायकों को खड़ा करके पूछ लिया जाए कि वह किसके साथ हैं तो 300 से ज्यादा ऐसे निकलेंगे जो मुख्यमंत्री को नहीं चाहते.


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उत्तर प्रदेश विद्युत निगम के कर्मचारियों की भविष्य निधि का करीब 2600 करोड़ रुपया संकट का सामना कर रही डीएचएफएल में निवेश किए जाने का खुलासा हुआ है. विपक्ष इस मामले में लगातार योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साध रहा है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा,‘‘ एक खबर के अनुसार बीजेपी सरकार बनने के बाद 24 मार्च 2017 को विद्युत निगम के कर्मियों का पैसा डिफॉल्टर कम्पनी डीएचएफएल में लगा.’’


कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘सवाल ये है कि बीजेपी सरकार दो साल तक चुप क्यों बैठी रही ? कर्मचारियों को ये बताइए कि उनकी गाढ़ी कमाई कैसे मिलेगी ? और किन-किन विभागों का पैसा डिफॉल्टर कम्पनियों में लगा है ? सारी चीजें अभी सामने लाइए.'' उन्होंने कहा कि जवाब तो देना ही होगा, मेहनत की गाढ़ी कमाई का सवाल है.