लखनऊ: दो महीने बाद समाजवादी पार्टी के छह राज्य सभा सांसद रिटायर हो रहे हैं. किरणमय नंदा, दर्शन सिंह यादव, नरेश अग्रवाल, जया बच्चन, मुनव्वर सलीम और आलोक तिवारी के नाम इस लिस्ट में हैं. लेकिन अखिलेश यादव सिर्फ एक नेता को ही संसद भेज सकते है. ऐसे में समाजवादी पार्टी में इन दिनों यही चर्चा है कि किसकी लॉटरी लगेगी और जबरदस्त लॉबिंग भी चल रही है.
समाजवादी पार्टी के 49 एमएलए हैं. इतने विधायकों के दम पर राज्य सभा जाने के लिए सिर्फ एक का ही रास्ता खुल सकता है. मुलायम सिंह के करीबी दर्शन सिंह यादव का पत्ता पहले ही कट चुका है. आज़म खान के दाहिने हाथ मुनव्वर सलीम भी रेस से बाहर हैं. वैसे भी वे मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं और आज़म खान की मेहरबानी से राज्य सभा पहुंच गए थे. समाजवादी पार्टी के बड़े नेता ब्रजभूषण तिवारी की मौत के बाद आलोक तिवारी को सांसद बनाया गया था. वो दौर मुलायम सिंह का था और ये दौर अखिलेश यादव का है.
ऐसे में नरेश अग्रवाल, किरणमय नंदा और जया बच्चन ये तीन नाम बचते हैं. सब कुछ ठीक रहा तो मिसेज बच्चन चौथी बार राज्य सभा पहुंच सकती हैं. अखिलेश यादव के करीबी तो इसी बात की और इशारा करते हैं. जया बच्चन का किसी गुट में ना होना ही उनके लिए वरदान साबित हो सकता है. अमिताभ बच्चन की पत्नी होने के नाते बॉलीवुड में उनकी पकड़ है. मुलायम परिवार में झगडे के दौरान वे हमेशा अखिलेश यादव और डिम्पल यादव के साथ खड़ी रहीं.
नरेश अग्रवाल, रामगोपाल यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं. कई पार्टियों से घूम कर आये नरेश अग्रवाल के लिए प्रोफ़ेसर साहेब ने वीटो लगा रखा है. लेकिन अखिलेश यादव उनके नाम पर तैयार नहीं हो रहे हैं. उनके बेटे नितिन अग्रवाल अभी विधायक है और अखिलेश सरकार में मंत्री भी थे.
अब बात किरणमय नंदा की. पश्चिम बंगाल के रहने वाले नंदा समाजवादी पार्टी में उपाध्यक्ष हैं. पिछले साल पहली जनवरी को पार्टी की मीटिंग में उन्होंने ही अखिलेश यादव को मुलायम सिंह यादव की जगह अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा था. उन्हें मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव दोनों पसंद करते हैं. वैसे राजनीति में कभी कुछ पक्का नहीं होता है. अगर कोई नया नाम सामने आ जाए तो कोई आश्चर्य नहीं.