'दो शादियां मुस्लिमों में कम, हिंदुओं में ज्यादा होती हैं', UCC पर बोले सपा सांसद एसटी हसन
UCC In Uttarakhand: उत्तराखंड में मंगलवार को समान नागरिक संहिता (UCC) पेश किए जाने पर समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन ने कहा कि हम इस कानून को नहीं मानेंगे, हम सिर्फ कुरान को मानेंगे.
UCC In Uttarakhand: उत्तराखंड में 6 फरवरी (मंगलवार) को समान नागरिक संहिता (UCC) पेश किए जाने पर कई राजनीतिक दलों ने नाराजगी जताई है. इसी बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद एसटी हसन ने कहा कि दो शादियां मुस्लिमों में तो सबसे कम हो रही है, परसेंटेज तो हिंदू भाईयों में ज्यादा है.
अपने बयान में सपा सांसद ने कहा कि अगर किसी के बच्चे नहीं होते, किसी की बीवी बीमार है या फिर करप्ट बीवी है तो पहली बीवी की इजाजत से कोई दूसरी शादी करता है तो इसमें क्या दिक्कत है. दो शादियां मुस्लिमों में तो सबसे कम हो रही हैं. परसेंटेज तो हिंदू भाईयों में ज्यादा है.
'कानून नहीं केवल कुरान को मानेंगे'
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद एसटी हसन ने कहा कि आप चाहें जितने भी कानून ले आए, लेकिन हम वही मानेंगे जो कुरान शरीफ में लिखा है. उन्होंने कहा, "हमें मालूम है कि आप ये कानून क्यों ला रहे हैं. वोट पाने की राजनीति के चलते लोकसभा चुनाव से पहले ये कानून लाने की क्या जरूरत है. ये कानून सिर्फ हिंदू-मुसलमान को लड़ाने के लिए लाया जा रहा है. हम इस कानून को नहीं मानेंगे, हम केवल कुरान में लिखी बातों को मानेंगे."
सरकार ने की बेशर्मी की हद पार- हसन
सांसद हसन ने सरकार की ओर से बनाए गए लिव-इन रिलेशनशिप कानून पर आपत्ति जताते हुए कहा कि आपने तो बेशर्मी की हद पार कर दी हैं. एक के साथ रहें या दस के साथ इसको आपने कानूनी दर्जा दे दिया है, फिर सरकार ही बताए कि दो शादी ना करने के कानून का क्या अस्तित्व है?
सभी को नहीं मिलेगी एकरूपता
वहीं दूसरी ओर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि यूसीसी के आने से सभी कानूनों में एकरूपता नहीं होगी. जब कुछ समुदायों को आपने इससे छूट दी है तो यह एकरूपता कैसे हो सकती है. उन्होंने आगे कहा कि हमारी कानून समिति पहले इसका अध्ययन करेगी, फिर ही इस पर निर्णय लिया जाएगा.