Sambhal Violence: संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा को लेकर अब जमकर राजनीति भी हो रही है. पक्ष और विपक्ष दोनों एक दूसरे को कटघरे में खड़े करते हुए कई तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं. विपक्ष की तरफ से पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई पर सवाल उठाया जा रहा है तो सत्ता पक्ष का कहना है कि पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह सही थी और दंगा भड़काने की साजिश विपक्षी पार्टियों खास तौर पर समाजवादी पार्टी के इशारे पर हुई थी.
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सत्ता पक्ष पर यह कहते हुए सवाल उठाया कि जिस तरह से संभल में पुलिस की ओर से गोलियां चलाई गई, वह गैरकानूनी तरीका था. अखिलेश यादव ने इसके साथ ही इस घटना को हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा उपचुनाव से जोड़कर भी पेश कर दिया. अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ बीजेपी चुनाव के दौरान जो गड़बड़ी की गई थी उससे ध्यान भटकाने के लिए इस तरीके का माहौल बना रही है.
‘पुलिस ने ही किए स्थानीय लोगों पर पथराव’
वहीं समाजवादी पार्टी के संभल से सांसद जिया उर रहमान बर्क का नाम पुलिस की एफआईआर में है. इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनको इस मामले में जबरन घसीटा जा रहा है, जबकि उस दौरान वह संभल में थे भी नहीं. बर्क ने यह भी सवाल उठाया कि जब एक बार पहले सर्वे हो चुका था और उस दौरान किसी तरह की हिंसा नहीं हुई तो इस बार यह माहौल कैसे बन गया. जिया उर रहमान बर्क ने तो यह भी आरोप लगा दिया कि पुलिस के साथ और हुड़दंगी आए थे, जिन्होंने वहां माहौल खराब किया और पुलिस ने ही स्थानीय लोगों पर पहले पथराव किया बाद में गोलियां चलाईं.
‘पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से जायज’
समाजवादी पार्टी नेताओं के इन आरोपों पर बीजेपी की तरफ से भी पलटवार करते हुए कहा गया कि संभल की घटना समाजवादी पार्टी के नेताओं के इशारे पर की गई है. भाजपा नेताओं ने सवाल उठाया कि आखिर पुलिस और सर्वे टीम के ऊपर हजारों की संख्या में पत्थर कैसे बरसने लगे, वह पत्थर कहां से आए थे? बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तो इस घटना की तुलना गोधरा की घटना से करते हुए कहा कि संभल में भी गोधरा जैसा माहौल बनाने की कोशिश की जा रही थी. गिरिराज सिंह ने पुलिस की कार्रवाई को पूरी तरह से जायज ठहराया.
केंद्रीय मंत्री बोले- हिंसा में सपाईयों का हाथ
बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने भी संभल हिंसा में समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के हाथ होने की आशंका जताई है. बघेल ने कहा कि संभल में सर्वे करने वाली टीम के ऊपर जिस तरह से हमला किया गया वह अचानक नहीं हुआ उसके लिए पहले से तैयारी की गई थी. वह तैयारी जिस पार्टी से सांसद वहां से चुनकर आते हैं उनके लोगों के की ओर से ही की गई थी उनका मकसद यह था कि सच सामने ना आए.
‘हालातों के बेकाबू होने के बाद पुलिस ने चलाई गोलियां’
वहीं भाजपा सांसद बृजलाल जो कि उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी भी रह चुके हैं उन्होंने भी पुलिस की कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा की पुलिस ने यहां पर कार्रवाई तब की जब वाकई में इसकी जरूरत पड़ गई थी. पुलिस ने नियमों के हिसाब से पहले प्रदर्शनकारियों को सचेत किया, लेकिन जब हालात बेकाबू हुए तो फिर हवाई गोली भी चलाई जो कि नियमों के हिसाब से पूरी तरह सही है.
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