Sambhal Incident: संभल हिंसा में 5 लोगों की जान चली गई थी. हिंसा के एक महीने बाद भी मामले की जांच खाली हाथ है. जांच में आतंकी कनेक्शन, समाजवादी पार्टी के सांसद पर गंभीर आरोप और यहां तक कि पाकिस्तान से जुड़े एंगल पर भी चर्चा हुई थी, लेकिन सवाल ये है कि इस हिंसा को जानबूझकर रचा गया था या फिर ये एक अनहोनी घटना थी?


इस हिंसा के बाद पुलिस ने 50 लोगों को गिरफ्तार किया और 91 उपद्रवियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किए. इसके बावजूद पुलिस अभी तक इस मामले में किसी ठोस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है. वहीं समाजवादी पार्टी और बीजेपी एक-दूसरे पर आरोप लगाती रही हैं, लेकिन हिंसा की असल वजह के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है.


हिंसा में पाकिस्तानी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कारतूस का इस्तेमाल


जानकारी के मुताबिक जांच में कई बार पाकिस्तान, आईएसआई और आतंकी संगठनों का नाम सामने आया. बताया जा रहा है कि हिंसा के दौरान पुलिस को पाकिस्तानी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बनाए गए कारतूस मिले थे. इसके बाद पुलिस ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान में जाकर आतंकी संगठन में शामिल हो चुके कुछ युवकों को अपनी जांच के घेरे में लिया. इन आरोपियों पर ये शक जताया गया कि उन्होंने संभल में हिंसा के लिए हथियार इन्होंने ही भेजा है.  


समाजवादी पार्टी ने सोमवार (30 दिसंबर) को पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी. इसके बाद पार्टी ने इस हिंसा के संदर्भ में लगातार सरकार और पुलिस पर सवाल भी उठाए.


मस्जिद में खुदाई की अफवाह से भड़की हिंसा 


24 नवंबर को जब शाही जामा मस्जिद में सर्वे का काम चल रहा था तो कुछ लोगों ने अफवाह फैलाई कि मस्जिद में खुदाई की जा रही है और वहां का ऐतिहासिक महत्व खत्म किया जा रहा है. इस अफवाह के बाद वहां मौजूद भीड़ हिंसक हो गई और फिर पत्थरबाजी और फायरिंग शुरू हो गई. ऐसे में पुलिस को इस भयानक स्थिति को कंट्रोल करने के लिए फायरिंग करनी पड़ी. बताया जा रहा है कि पुलिस की ओर से की गई फायरिंग में 5 युवकों की मौत हो गई. हालांकि पुलिस लगातार इस बात से इनकार कर रही है. 


पुलिस कर रही है मामले की जांच


संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने हाल ही में बयान दिया कि पुलिस जल्द से जल्द हिंसा की साजिश रचने वालों को गिरफ्तार करने की कोशिश में जुटी है. हालांकि उन्होंने ये भी स्वीकार किया कि इस मामले में अभी तक पुलिस किसी फैसले पर नहीं पहुंच पाई है. फिलहाल पुलिस हिंसा की असली वजह और इसके आरोपियों की जांच में जुटी है.  संभल हिंसा की जांच में कई मोड़ आए, लेकिन अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है.


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