Sameer Wankhede vs Nawab Malik: एनसीबी मुंबई के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने आज राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमेन विजय सम्पला से मुलाकात की. वानखेड़े ने अपने सारे दस्तावेज चेयरमेन को प्रस्तुत किए और अपनी शिकायत भी दर्ज करायी. आयोग ने जो भी तथ्य और दस्तावेज मांगे थे, उन्हें उपलब्ध करा दिए गए. वानखेड़े ने कहा, मेरी शिकायत का सत्यापन किया जाएगा और जल्द ही आयोग के अध्यक्ष इस पर जवाब देंगे.


सूत्रों के मुताबिक, वानखेड़े ने कमीशन को बताया कि 1995 के कास्ट सर्टिफिकेट और 2008 के कास्ट सर्टिफिकेट के मुताबिक वो महार जाति के हैं. बर्थ सर्टिफिकेट में पहले शादी से हुए बच्चे का धर्म हिंदू लिखा है. पहली शादी का दिसंबर 2006 का सर्टिफिकेट स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत है. तलाक भी म्युच्युल है और वो भी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत ही हुआ है. इस हिसाब से सबसे पहले का सर्टिफिकेट 1995 का है जिसमें महार जाति लिखा हुआ है.


समीर वानखेड़े पर क्या आरोप लगे हैं
महराष्ट्र में एनसीपी नेता नवाब मलिक और एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के बीच युद्ध छिड़ा हुआ है. नवाब मलिक ने पिछले दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस करके समीर वानखेड़े पर धर्म बदलकर नौकरी हासिल करने के आरोप लगाए थे. इसको लेकर वानखेड़े ने अनुसूचित जाति आयोग में शिकायत की थी.


नवाब मलिक ने कहा, 'समीर वानखेड़े ने धर्म परिवर्तन नहीं किया, क्योंकि वो जन्म से मुसलमान हैं. उनके पिता ने धर्म परिवर्तन किया था. मैं अपनी बात पर कायम हूं कि वो एससी सर्टिफिकेट में फर्जीवाड़ा करके उस पद पर बैठे हैं, उन्होंने एक गरीब एससी का अधिकार छीना है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से आदेश जारी किए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति ने अपना धर्म बदला है तो पहले के धर्म पर कोई भी लाभ उन्हें नहीं मिलेंगे और अब ऐसे लोगों को बचाने का काम हो रहा है.'


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