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Nawab Malik Vs Sameer Wankhede: समीर वानखेड़े ने SC कमीशन को सौंपे दस्तावेज, कहां- धर्म से हिंदू और जाति से महार ही हूं

Nawab Malik VS Sameer Wankhede: विवादों में घिरे एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने सोमवार को दिल्ली में अनुसूचित जाति आयोग पहुंचे. जहां वानखेड़े ने SC कमीशन के चेयरमैन को कई दस्तावेज सौंपें.

Nawab Malik VS Sameer Wankhede: विवादों में घिरे एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े सोमवार को दिल्ली में अनुसूचित जाति आयोग पहुंचे. जहां समीर वानखेड़े ने अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन को कई दस्तावेज भी सौंपें. इन दस्तावेजों के आधार पर समीर वानखेड़े ने SC कमीशन के चेयरमैन को बताया कि वे धर्म से हिंदू और जाति से महार हैं और महार जाति अनुसूचित जाति के तहत आती है, ऐसे में उनके ऊपर लगाए जा रहे सभी आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है.

समीर वानखेड़े ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरपर्सन विजय सांपला समेत अनुसूचित जाति आयोग के सदस्यों से मुलाकात कर जानकारी दी कि उनके ऊपर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वे पूरी तरह बेबुनियाद हैं. समीर वानखेड़े ने कहा कि वो महार जाति से आते हैं ऐसे में यह कहना कि वह हिंदू नहीं है और अनुसूचित जाति में नहीं आते हैं, यह पूरी तरह से गलत है.

1995 और 2008 का जाति सर्टिफिकेट सौंपा

इस बैठक के दौरान समीर वानखेड़े ने SC कमीशन को अपना 1995 में जारी किया गया जाति का सर्टिफिकेट भी दिया और बताने की कोशिश की कि उनकी जाति 1995 में जारी किए गए उस सर्टिफिकेट में भी महार ही लिखी है और यह सर्टिफिकेट उनके नौकरी में आने से करीब 10 साल पहले जारी हुआ था. समीर वानखेड़े ने इसके बाद साल 2008 में जारी किए गए एक और जाति प्रमाण पत्र को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सामने रखा और बताया कि 13 साल बाद जब एक बार फिर से जाति प्रमाण पत्र निकलवाया गया, तो उसमें उनकी वही जाती लिखी थी जो 1995 के सर्टिफिकेट में थी, जो यह साफ करता है कि वो महार जाति से आते हैं और हिंदू हैं.

वानखेड़े ने पहली शादी का सर्टिफिकेट भी दिया

समीर वानखेड़े ने इसके साथ ही 2006 दिसंबर में हुई अपनी पहली शादी का सर्टिफिकेट भी राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सामने रखा. समीर वानखेड़े ने बताया कि उनकी शादी दिसंबर 2006 में स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत हुई थी. स्पेशल मैरिज एक्ट सिर्फ उन्हीं शादियों पर लागू होता है जहां पर दो अलग-अलग धर्मों के लोग शादी करते हैं. समीर वानखेड़े के मुताबिक, क्योंकि वे हिंदू थे और उनकी पहली पत्नी मुस्लिम थीं लिहाजा उन्होंने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी की थी. समीर वानखेड़े ने इसके साथ ही अपनी पहली पत्नी के साथ हुए तलाक का भी आदेश आयोग के सामने रखा. समीर वानखेड़े ने बताया कि उनका पहली पत्नी से जो तलाक हुआ था वो आपसी सहमति से हुआ था और तलाक के आदेश में भी स्पेशल मैरिज एक्ट का ही जिक्र है.

कमीशन को दिए गए दस्तावेजों में समीर वानखेड़े ने अपनी पहली पत्नी से हुए बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट भी आयोग के सामने रखा. समीर वानखेड़े के मुताबिक, उस सर्टिफिकेट में उनके बच्चे का धर्म हिंदू और जाति महार ही लिखी हुई है और यह सर्टिफिकेट पिता के धर्म और जाति को ध्यान रखते हुए ही तैयार किया गया था.

मामले में इन दस्तावेजों का सत्यापन होना बाकी 

फिलहाल राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने समीर वानखेड़े की ओर से दिए गए इन दस्तावेजों के सत्यापन के लिए महाराष्ट्र के चीफ सेक्रेट्री को निर्देश दिया है. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्यों के मुताबिक, फिलहाल शुरुआती तौर पर जो दस्तावेज समीर वानखेड़े ने दिए हैं वो उनकी दलीलों के पक्ष में है, लेकिन अभी इस मामले में इन दस्तावेजों का सत्यापन होना बाकी है. सत्यापन होने के बाद ही राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग अपना अंतिम फैसला करेगा.

गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक लगातार समीर वानखेड़े के धर्म और जाति को लेकर सवाल खड़े करते रहे हैं. नवाब मलिक ने हाल ही में समीर वानखेड़े की पहली शादी का निकाहनामा भी जारी किया था और यह बताने की कोशिश की थी कि समीर वानखेडे हिंदू धर्म से नहीं, बल्कि मुस्लिम धर्म अपनाते हैं और इस आधार पर उनको अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता. नवाब मलिक के मुताबिक, समीर वानखेड़े ने नौकरी ज्वॉइन करने के दौरान अनुसूचित जाति आरक्षण का फायदा लिया था और इस तरह से उन्होंने धोखाधड़ी की है, जबकि समीर वानखेड़े नवाब मलिक के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर रहे हैं.

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