Sameer Wankhede Records Statement: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो(NCB) के मुंबई क्षेत्र के निदेशक समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) से विभागीय सतर्कता जांच टीम ने बुधवार को पूछताछ की. NCB के डिप्टी डीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने abp न्यूज को बताया कि हमने समीर वानखेड़े को एग्जामिन किया और उनका पक्ष सुना. उन्होंने कहा कि जो जरूरी दस्तावेज थे वह हमें दिए गए हैं. अभी भी जांच चल रही है.
ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि यह जांच का विषय है. इसके बारे में मैं कुछ डिस्क्लोज नहीं करना चाहूंगा. समीर वानखेड़े को पक्ष रखने का मौका था. उन्होंने अपने पक्ष में जो भी दस्तावेज उचित समझे वह रखे हैं. ज्ञानेश्वर सिंह ने आगे बताया कि समीर वानखेड़े के पद पर बने रहने या नहीं रहने के संबंध में मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. मैं अपनी जांच कर रहा हूं.
समीर वानखेड़े ने करीब चार घंटे तक दर्ज कराया बयान
एनसीबी के मुंबई क्षेत्र के निदेशक समीर वानखेड़े ने बुधवार को करीब चार घंटे तक विभागीय सतर्कता जांच टीम के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया. इस महीने के शुरू में मुंबई तट के नजदीक क्रूज जहाज से मादक पदार्थ की जब्ती के मामले में गिरफ्तार बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को छोड़ने के एवज में वसूली के आरोपों पर उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया. इस जांच टीम का नेतृत्व एनसीबी के उप महानिदेशक (उत्तर क्षेत्र) ज्ञानेश्वर सिंह कर रहे हैं.
सिंह ने बताया कि एनसीबी की टीम ने (पश्चिमी) क्षेत्रीय कार्यालय से मामले से जुड़े कुछ अहम दस्तावेज एकत्र किए हैं. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने समीर वानखेड़े से करीब साढ़े चार घंटे तक पूछताछ की. इस दौरान उन्होंने कई चीजें टीम से साझा की। आने वाले समय में हम उनसे कुछ दस्तावेज प्राप्त करेंगे और जरूरत पड़ी तो हम उनसे और जानकारी लेंगे.’
वानखेड़े का बयान दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट स्थित एनसीबी कार्यालय और बांद्रा उपनगर स्थित सीआरपीएफ के मेस में दर्ज किया गया. जब सिंह से पूछा गया कि क्या वानखेड़े क्रूज जहाज से मादक पदार्थ की जब्ती मामले की जांच जारी रखेंगे तो उन्होंने कहा, 'जांच आगे होने दीजिए. अगर मुझे कुछ पुख्ता मिलता है तभी मैं अपनी रिपोर्ट अपने डीजी (महानिदेशक) को जमा कर पाउंगा.’
उन्होंने क्रूज जहाज मादक पदार्थ जब्ती मामले में एनसीबी के फरार गवाह केपी गोसावी, प्रभाकर सैल और अन्य स्वतंत्र गवाहों से भी जांच में शामिल होने की अपील की. सिंह ने कहा, ‘अगर उन्हें कोई शिकायत है या आरोप है तो वे हमसे संपर्क कर सकते हैं और अपना बयान दर्ज करा सकते हैं.’ एनसीबी के मामले में स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सैल ने दावा किया था कि उसने सुना था कि गोसावी फोन पर 25 करोड़ रुपये मांगे जाने की बात कर रहा था जिसमें से ‘ आठ करोड़ रुपये समीर वानखेड़े को देने की बात थी.’
इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ‘हम निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच करना चाहते हैं और इसलिए हमने एनसीबी के क्षेत्रीय कार्यालय के बजाय दूसरे स्थान पर रहने का फैसला किया है.’ उन्होंने बांद्रा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की सुविधा का संदर्भ देते हुए कहा कि यह स्वतंत्र स्थान है और वे (गवाह) बिना भय के टीम से अपनी शिकायत पर चर्चा कर सकते हैं.
सिंह ने कहा,‘गोसावी और सैल कल या परसो जांच से जुड़ सकते हैं और जो भी वे चाहे विशेष जांच टीम से साझा कर सकते हैं, वैसे दिन का पहला हिस्सा बेहतर होगा.’ उन्होंने कहा कि एनसीबी ने अपने दक्षिणी पश्चिमी कार्यालय से अहम गवाहों- सैल और गोसावी- को नोटिस जारी करने का अनुरोध किया है.
दोनों गवाहों को नोटिस देने की कोशिश
डीडीजी ने कहा, ‘ एनसीबी की टीम ने दोनों गवाहों को नोटिस देने की कोशिश की. लेकिन उनमें से एक के घर पर ताला लगा मिला जबकि दूसरे से संपर्क नहीं किया जा सका.’ उन्होंने कहा कि एनसीबी ने सैल और गोसावी को एजेंसी के रिकॉर्ड में दर्ज उनके फोन और आवासीय पते पर संपर्क करने की यथासंभव कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका. सिंह ने कहा, ‘ मीडिया के माध्यम से मैं उनसे अनुरोध करना चाहता हूं कि वे जहां भी हैं, वे जांच में शामिल होने और कोई सबूत है तो उसे विशेष जांच टीम को देने के लिए स्वतंत्र हैं, जो इस समय बांद्रा में सीआरपीएफ के मेस में रह रही है.’
उल्लेखनीय है कि पांच सदस्यीय सतर्कता टीम बुधवार सुबह मुंबई पहुंची और उसने अपनी जांच शुरू कर दी जिसके तहत दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट स्थित कार्यालय से कुछ दस्तावेजों और रिकॉर्डिंग को एकत्र किया गया है. डीडीजी सिंह ने मीडिया को बताया कि सिंह वसूली के मामले की विभागीय सतर्कता जांच का नेतृत्व कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘मामले की जांच के दौरान सभी गवाहों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया जाएगा, मैं किसी व्यक्ति का नाम नहीं लूंगा.’ एनसीबी ने मामले में स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सैल के दावों की सतर्कता जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने दावा किया था कि क्रूज़ जहाज छापेमारी मामले में आरोपी आर्यन खान को छोड़ने के लिए एनसीबी की मुंबई क्षेत्रीय इकाई के निदेशक समीर वानखेड़े सहित एजेंसी के कुछ अधिकारियों ने 25 करोड़ रुपये मांगे थे.
सिंह के यहां पहुंचने पर एनसीबी कार्यालय के बाहर मीडिया कर्मियों का जमावड़ा लग गया था. क्रूज जहाज पर मादक पदार्थ जब्त करने के मामले की जांच का नेतृत्व कर रहे वानखेड़े मंगलवार को दिल्ली स्थित एनसीबी के मुख्यालय गए थे और वहां पर दो घंटे का समय बिताया था.
सूत्रों ने पहले कहा था कि जांच में इस मामले में एनसीबी के एक अन्य स्वतंत्र गवाह के पी गोसावी के छापेमारी के बाद आर्यन खान के करीब होने और तीन अक्टूबर को मुंबई में अंतरराष्ट्रीय क्रूज़ टर्मिनल से गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को हिरासत में सौंपने के दौरान अधिकारियों द्वारा अपनाई गई प्रक्रियाओं पर भी गौर किया जाएगा. सोशल मीडिया और कई समाचार मंचों पर गोसावी की आर्यन खान के साथ की तस्वीरें और वीडियो वायरल हुए थे.
उन्होंने कहा कि मामले में शामिल सभी अधिकारियों तथा गवाहों की भूमिका की जांच की जाएगी और यह भी देखा जाएगा कि क्या उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम में राष्ट्रीय स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) कानून में उल्लिखित एनसीबी नियमों एवं प्रक्रियाओं का पालन किया था या नहीं. वानखेड़े ने रविवार को मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागरले को पत्र लिख कर उनके खिलाफ कुछ अज्ञात लोगों द्वारा संभावित कानूनी कार्रवाई की योजना बनाये जाने से संरक्षण की मांग की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि वे लोग उन्हें फंसाना चाहते हैं. हालांकि, वानखड़े को वसूली संबंधी स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सैल द्वारा किये गये सनसनीखेज दावे पर एक हलफनामे के सिलसिले में सोमवार को कोई राहत नहीं मिल पाई थी. एक विशेष अदालत ने कहा है कि वह दस्तावेजों को संज्ञान में लेने से अदालतों को रोकने का आदेश जारी नहीं कर सकती.
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