Sameer Wankhede Vs Nawab Malik: महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक का एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर हमला जारी है. आज उन्होंने दावा किया कि अधिकारी एक लाख रुपये की पेंट, 70 हजार रुपये से अधिक मूल्य की कमीज और 25-50 लाख रुपये की घड़ियां पहनते हैं.


उन्होंने कहा, ‘‘ एक ईमानदार और सच्चा अधिकारी इतने महंगे कपड़े कैसे खरीद सकता है? उन्होंने दूसरे लोगों को गलत तरीके से फंसा कर करोड़ों रुपये की वसूली की है.’’


मलिक ने कहा कि एनसीबी अधिकारी के पास काम करने के लिए एक निजी सेना है. मलिक ने यह भी दावा किया कि पिछले 15 दिनों से नवी मुंबई के रायगड़ जिले में जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह (जेएनपीटी) में ड्रग्स के तीन कंटेनर पड़े हैं. उन्होंने सवाल किया कि राजस्व खुफिया विभाग द्वारा इस पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई ? जेएनपीटी को नावा शेवा बंदरगाह भी कहा जाता है.


इस बीच एबीपी न्यूज़ को समीर वानखेड़े की संपत्ति के बारे में जानकारी हाथ लगी है. सूत्रों की मानें तो समीर वानखेड़े नियमों के मुताबिक़ हर साल अपने विभाग को अपनी सम्पत्ति से जुड़ी जानकारी मुहैया कराते हैं. इसके मुताबिक, उनके पास 4 एकड़ ज़मीन है जो की महाराष्ट्र के वाशीम ज़िले में है (यह संपत्ति पारिवारिक है जिसमें इनका भी हिस्सा है.)


साल 2004 में वानखेड़े की मां जाहिदा वानखेड़े ने समीर को एक 800 स्कवॉयर फिट का घर दिया जो की उनकी मां और समीर के नाम पर है. मां जाहिदा वानखेड़े के नाम पर एक फ़्लैट है जो की साल 1999 में लिया गया था, वो भी वानखेड़े के पास है. यह फ़्लैट क़रीब 700 स्कवॉयर फिट का है और मुंबई में है.


समीर की आंटी की कैंसर से मौत हुई थी. उनके बच्चे नहीं हैं. इस वजह से उन्होंने उनका ऑफिस जो कि क़रीबन 1000 स्कवॉयर फिट का है. यह समीर वानखेड़े के कब्जे में है.


नवी मुंबई में एक प्लॉट है जिसे भाड़े पर दिया गया है. यह प्लॉट 1995 में लिया गया था और यह क़रीबन 1100 स्कवॉयर फिट का है.


समीर वानखेड़े ने साल 2016 में क़रीबन 1100 स्कवॉयर फिट के फ़्लैट की खरीद की. इस फ्लैट को खरीदने के लिए उनकी पत्नी क्रांति रेडकर ने अपना म्हाड का फ़्लैट बेच दिया था. पिता के पेंशन के पैसे भी फ्लैट खरीदने में लगाए गए. मां के देहांत के बाद LIC के पैसे भी मिले थे और वेतन का कुछ हिस्सा भी फ्लैट खरीदने में लगाया गया.


इसके अलावा जिस घड़ी की बात नवाब मलिक ने की वो घड़ी साल 2005 में उनकी मां ने क़रीबन 55000 रुपए में ख़रीदी थी और समीर वानखेड़े को गिफ़्ट दी थी. उस समय समीर वानखेड़े की पहली सरकारी नौकरी सेंट्रल पुलिस ऑरगनाइजेशन में लगी थी. रही बात जूतों की और कपड़ों की तो वो सारी शोपिंग अंधेरी लोखंडवाला के सामान्य दुकान से की गई है.


कौन थीं जाहिदा वानखेड़े?
जाहिदा वानखेड़े समीर वानखेड़े की मां है, जिनका देहांत 2015 में हो गया. जाहिदा एक व्यापारी थीं और उनका स्क्रैप ट्रेड का बिसनेस था. उनकी मां दुर्गा नाम की NGO भी चलाया करती थीं, इसके अलावा ओरफ़न भी चलाती थीं.


समीर वानखेड़े के नाना यानी की जाहिदा वानखेड़े के पिता हरियाणा के मुरथल से हैं और वो भी रॉयल परिवार से थे. समीर वानखेड़े की नानी सूरत से हैं वो भी काफ़ी संपन्न परिवार से थीं. 


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