Jain Community Protest: 'शिखरजी'... झारखंड के 'पवित्र पर्वत' पर ऐसा क्या हो रहा है, जिससे देशभर में जैन समुदाय नाराज है?
Parasnath Hill Jharkhand: जैन समुदाय के लिए शिखर बहुत महत्वपूर्ण हैं. गिरिडीह स्थित पर्वत के बारे में मान्यता है कि 24 तीर्थंकरों में से 20 को इस स्थल पर मोक्ष मिला था.
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Jain Community On Shikharji: झारखंड में जैन धर्म से जुड़ी एक पवित्र पहाड़ी को बचाने के लिए देशभर में जैन समुदाय एकजुट होता जा रहा है. पिछले एक सप्ताह से झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और दिल्ली में जैन समुदाय के लोग अपनी मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं. समुदाय के लोग झारखंड स्थित जैनों के पवित्र स्थल सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित करने के फैसले के खिलाफ हैं और इसे वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं. जैन समुदाय के लोगों का कहना है कि इसे पर्यटन स्थल बनाने से इसकी पवित्रता नष्ट हो जाएगी. इस मामले में अब उन्हें दूसरे धर्म के प्रमुख लोगों का भी साथ मिल रहा है.
झारखंड के गिरिडीह जिले में एक पहाड़ी है जिसे भगवान पारसनाथ पर्वत के नाम से जाना जाता है. इस पर्वत का नाम जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर पारसनाथ के नाम पर है. इसी पर्वत पर सम्मेद शिखर जी है, जिसे कई बार 'शिखर जी' भी कहा जाता है. जैन समुदाय खासतौर पर श्वेताम्बर समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है. मान्यता है कि जैन धर्म से 24 में से 20 तीर्थंकरों को यही पर मोक्ष प्राप्त हुआ था. दुनियाभर से हर साल हजारों जैन श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और 27 किलोमीटर की परिक्रमा पूरी कर शिखर पर पहुंचते हैं.
अब तक क्या हुआ?
विरोध तब शुरू हुआ जब झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने 2019 में बीजेपी सरकार में जारी एक नोटिफिकेशन में संशोधन का प्रस्ताव रखा. तत्कालीन बीजेपी सरकार ने पारसनाथ पर्वत को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में चिह्नित किया था. केंद्र को भी प्रस्ताव भेजा गया था, जिसमें इसे इको सेंसिटिव जोन में रखा गया.
द हिंदू ने एक अधिकारी के हवाले से लिखा कि जुलाई 2022 में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार ने पारसनाथ पर्वत पर धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने का फैसला किया. हालांकि, इको सेंसिटिव जोन के रूप में होने के चलते यहां अभी तक कोई नया निर्माण नहीं किया गया है.
शासन का पक्ष
विरोध के बाद राज्य पर्यटन सचिव मनोज कुमार मीडिया के सामने आए और बताया कि उन्हें जैन समुदाय की चिंताओं की जानकारी है. उन्होंने कहा, "समुदाय के कुछ प्रतिनिधियों से हमारी बात हुई है जिन्होंने कुछ शंकाएं उठाई हैं. हम प्रस्ताव का अध्ययन कर रहे हैं और जल्द ही एक नए प्रस्ताव के साथ आएंगे जिसमें समुदाय की चिंताओं का भी ख्याल रखा जाएगा."
प्रशासन जहां जल्द ही एक मान्य प्रस्ताव लाने की बात कह रहा है वहीं जैन समुदाय के एक प्रमुख धर्मगुरु मुनि प्रणाम सागर जी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को पार्श्वनाथ हिल सर्किट को इको-सेंसिटिव जोन के रूप में घोषित करना चाहिए. उन्होंने पूछा, "इको टूरिज्म जोन क्यों, इको तीर्थस्थान या फिर इको श्रद्धालु केंद्र क्यों नहीं?"
दूसरे समुदायों से भी समर्थन
जैन समुदाय की मांग के समर्थन में दूसरे धर्मों के नेता भी सामने आ रहे हैं. विश्व हिंदू परिषद ने समुदाय की मांग को लेकर अपना समर्थन करते हुए सरकार से धार्मिक स्थल को 'टूरिज्म स्पॉट' घोषित करने का फैसला वापस लेने को कहा है.
इसके साथ ही AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मांग के समर्थन में ट्वीट किया है. ओवैसी ने झारखंड सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की है. ओवैसी ने कहा जैन समुदाय देश का अल्पसंख्य समुदाय है, उनकी धार्मिक मान्यताओं का सम्मान होना चाहिए. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि सरकार को जैन समुदाय की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और शिखरजी को धार्मिक स्थल घोषित करें.
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