दुर्ग: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध में छत्तीसगढ़ के भिलाई में ‘संविधान बचाओ रैली’ का आयोजन किया गया. इस रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि नागरिक संशोधन कानून और एनआरसी देश की जनता को बांटने वाला कानून है.


कोर्ट के चक्कर लगाती रहेगी जनता- भूपेश बघेल


रैली में सीएम भूपेश के साथ राज्य सरकार के कई अन्य मंत्रियों ने भी शिरकत की. मुख्य अतिथि के तौर पर इस रैली में पहुंचे सीएम भूपेश बघेल ने सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘’वो (केंद्र सरकार) कहते हैं इस कानून से देश के नागिरकों को चिंता करने की जरुरत नहीं है, तो क्या किसी के माथे पर लिखा होता है कि वह बांग्लादेशी या पाकिस्तानी है. इस कानून की वजह से हर नागरिक को अपनी नागरिता साबित करनी होगी.’’ उन्होंने आगे कहा, ‘’हम सभी को अपनी नागरिकता प्रमाणित करनी होगी. अगर किसी से टाइपिंग मिस्टेक हो गई और आपके पिता के नाम की जगह किसी और का नाम लिख गया तो जनता कोर्ट के चक्कर लगाती रहेगी. जिंदगी भर इसकी लड़ाई लड़नी पड़ेगी.’’


सीएम बघेल ने दिया स्वामी विवेकानंद का उदाहरण


सीएम भूपेश बघेल ने स्वामी विवेकानंद का एक उदाहरण देते हुए कहा, ‘’स्वामी जी ने शिकागो में कहा था कि मैं उस देश से आता हूं, जहां दुनिया भर के सताए हुए लोगों को संरक्षण मिला.’’ उन्होंने 1906 में अंग्रेजों द्वारा लाए गए एआरसी का भी उदाहरण पेश करते हुए कहा, ‘’दक्षिण अफ्रिका में इसे लागू किया गया था, लोगों को अपने फिंगर प्रिंट देने पड़ रहे थे.  महात्मा गांधी ने 1907 कहा था कि में इस रजिस्टर में ना ही साइन करूंगा ना ही फिंगर फ्रिंट दूंगा.’’


भूपेश बघेल ने कहा, ‘’असम में 3 करोड़ के करीब जनता का एनआरसी 10 साल में हुआ और 1600 करोड़ खर्चे. अब 130 करोड़ के देश में कितना पैसा लगेगा, कितने अधिकारी कर्मचारी लगेंगे, वक्त और पैसा लगेगा?’’ उन्होंने कहा, ‘’हम कहते हैं कि आपके पास (केंद्र सरकार) एजेंसी है जो घुसपैठियों को रोकें, उन्हें पकड़े, संविधान के मुताबिक कार्रवाई करे. लेकिन एनआरसी से पूरे देश की जनता को परेशान करेंगे तो हम साथ नहीं देगे.’’


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