Farmers Protest: पंजाब-हरियाणा में संयुक्त किसान मोर्चा का जगह-जगह आंदोलन, अमृतसर-बठिंडा में रेल पटरी पर डटे रहे
Punjab News: पंजाब में आज संयुक्त किसान मोर्चा ने कई जगह केंद्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया. अमृतसर और बठिंडा में एक ट्रैक भी जाम रखा गया.
Samyukt Kisan Morcha Protest: संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Govt) पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए देशभर में आज आंदोलन (Protest) का आह्वान किया था, इसी के तहत पंजाब में किसानों ने रेल ट्रैक (Railway Track) भी जाम रखा. चार घंटे के लिए रेल ट्रैक पर किसान (Farmers) डटे रहे. तीन बजे ट्रैक खाली करने के लिए कहा गया था. संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 40 किसान संगठन आते हैं. किसानों की सबसे पहली मांग है कि न्यूनतन समर्थन मूल्य (MSP) को सही से अमल में लाया जाए. किसानों ने पंजाब के अमृतसर (Amritsar) के वल्लाह और बठिंडा (Bathinda) में रेल ट्रैक जाम रखा. अंबाला (Ambala) के शंभू टोल प्लाजा में विरोध प्रदर्शन किया गया. वहीं, हरियाणा (Haryana) में पंचकुला (Panchkula) के बरवाला और कैथल (Kaithal) के चीका में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
अमृतसर में आंदोलन कर रहे एक किसान गुरलाल सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ''जब हमने दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया था तो केंद्र ने हमारी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था लेकिन अब तक कोई भी मांग पूरी नहीं हुई. हम फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को लागू करने की मांग कर रहे हैं.''
रेल रोको आंदोलन के दौरान अमृतसर में यात्री अटक गए. 11 जुलाई को लुधियाना के लाखोवाल में भारतीय किसान यूनियन की इकाई की बैठक में विरोध प्रदर्शन करने का फैसला लिया गया था. इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के महासचिव और संयुक्त किसान मोर्चा के राज्य समिति के सदस्य हरिंदर सिंह लाखोवाल ने मीडिया से कहा था कि किसान संगठन 18 से 30 जुलाई तक आंदोलन के लिए समर्थन जुटाने के लिए सम्मेलन करेंगे.
अब केजरीवाल सरकार के खिलाफ किसानों की यह तैयारी
संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ भी तीन अगस्त को गन्ना के भुगतान समेत कई मुद्दों के लिए विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी. वहीं, भारत किसान यूनियन के अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाल के मुताबिक, 22 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर एक दिवसीय प्रदर्शन किया जाएगा. बता दें कि पिछले वर्ष नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी, जिनके विरोध में दिल्ली में एक साल से ज्यादा किसान आंदोलन चला था.
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