नई दिल्ली: दिल्ली और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है. इस बीच प्रशासन प्रदर्शनकारी किसानों को हटाने के प्रयास में जुटा है. इसी के मद्देनजर बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है. संयुक्त किसान मोर्चा ने इसकी निंदा की है.


संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, ''उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गाजीपुर में प्रदर्शनकारी किसानों के लिए बुनियादी सुविधाओं में कटौती और आज किसानों को जबरन हटाने के प्रयासों की निंदा करते हैं. राकेश टिकैत, तजिंदर विर्क और केके रागेश जैसे नेताओं ने शांतिपूर्वक इस पुलिस व्यवहार का विरोध किया है.''


मोर्चा ने कहा, ''किसान आंदोलन को बदनाम करने के सरकार के प्रयास जारी है. सभी बॉर्डर पर सरकार जिस तरह से सुरक्षा बढ़ा रही है उससे सरकार की घबराहट साफ जाहिर होती है. सरकार बार बार आंदोलन को हिसंक दिखाना चाहती है पर सयुंक्त किसान मोर्चा की एकमत राय, प्रयास और रास्ता है कि आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा.''


बता दें कि गाजियाबाद प्रशासन ने प्रदर्शनकारी किसानों को आधी रात तक यूपी गेट खाली करने का अल्टीमेटम दिया है. वहीं भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने साफ कर दिया है कि वह आत्महत्या कर लेंगे लेकिन आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे.


गाजीपुर में किसानों के आंदोलन का नेतृत्व राकेश टिकैत कर रहे हैं. किसान नेता केंद्र के तीन नए कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.


गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा को लेकर टिकैत ने कहा कि लाल किले की घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए. दिल्ली पुलिस ने राकेश टिकैत समेत 37 किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.


लाल किला पर धार्मिक झंडा फहराने और दंगा करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने देशद्रोह और UAPA के तहत मामला दर्ज किया