SKM on UP Election 2022: संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) ने गुरुवार को बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने यूपी चुनाव समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की. इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि बजट से बहुत उम्मीद थी लेकिन नुक़सान हुआ है. उत्तर प्रदेश में हमारा सभी से ये सवाल रहेगा, जो भी वोट मांगने आयेंगे उनसे पूछेंगे कि उन्होंने किसानों के लिये क्या किया. एक पर्चा देंगे वोटर्स को जिसमें कई सारे सवाल होंगे, सभी वोट मांगने वालों से उसमें हां या ना में जवाब लेंगे. उत्तराखंड में भी ये पर्चा लोगों को बांटेंगे जिसमें हमारे सवाल हैं, इसका जवाब वोट मांगने आये सभी से लेंगे. इन जवाबों के आधार पर वोटर खुद तय करेगा कि किसको वोट देना है.
सरकार ने वादे पूरे नहीं किए- योगेंद्र यादव
वहीं किसान नेता योगेन्द्र यादव (Yogendra Yadav) ने कहा कि सरकार ने जो लिखित वादे किए थे वो पूरा नहीं कर पाई. इन कारणों से संयुक्त किसान मोर्चा को इन चुनाव में किसान विरोधी सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलने पर मजबूर किया है. बजट को लेकर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा कि इस बजट से कुछ उम्मीद थी कि बेहतर होगा, न्यूनतम आय को लेकर उम्मीद थी लेकिन उस पर कोई काम नहीं किया. वित्त मंत्री ने MSP को लेकर झूठ बोला. उम्मीद थी कि इतने बड़े आंदोलन के बाद कृषि क्षेत्र को बजट का बड़ा हिस्सा मिलेगा लेकिन इन्होंने सब कम कर दिया है. किसान मोर्चा सरकार के किसान विरोधी रूख से परिचित है.
ये भी पढ़ें:
'MSP को लेकर अभी तक कानून नहीं'
संयुक्त किसान मोर्चा कोर कमेटी के सदस्य शिव कुमार कक्का (Shiv Kumar Kakka) ने कहा कि MSP क़ानून को लेकर जो क़ानून बनाने की बात कही गई थी, वो अभी तक नहीं बन पाई है. जो मामले किसानों के ख़िलाफ़ दर्ज किये गये थे वो अभी तक ख़त्म नहीं किये गये हैं, बिजली बिल को लेकर भी जो वादा किया गया था उसको लेकर भी सरकार ने कोई काम नही किया. इसलिये हमने विश्वासघात दिवस मनाया था. वही हनन मोल्ला ने कहा कि SKM नेशनल लेवल पर वोटर को पर्चा देंगे. हर स्तर पर छोटी-छोटी बैठकें होगीं. हम उत्तर प्रदेश में जगह-जगह वोटर्स के पास जाएंगे और बीजेपी को सजा देंगे.
संयुक्त किसान मोर्च की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दर्शन पाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश मिशन हमने लखीमपुर खीरी घटना के बाद शुरू किया था. अभी भी मोर्चा के मुद्दे पेंडिंग है, इसलिये मिशन उत्तर प्रदेश अभी जारी रहेगा. लखीमपुर मामले में मंत्री अजय मिश्रा टेनी को अभी तक बर्खास्त नहीं किया गया. बीजेपी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज होगा. वही जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि पंजाब में प्रधानमंत्री की रैली को लेकर हमारा फ़ैसला था कि हम अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे. लेकिन उस दिन उन्हीं की पार्टी के कुछ लोग झंडे लेकर उनके क़रीब पंहुच गये. उसके बाद पीएम की सुरक्षा का मुद्दा बना दिया गया.
ये भी पढ़ें:
दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की मीटिंग कल, स्कूल और जिम खोलने पर हो सकता है फैसला