संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा- 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली में शामिल हुए 16 किसान अब भी लापता
गाजीपुर बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा ने आरोप लगाया कि किसानों को फर्जी मामलों में फंसाया जा रहा है. किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन बंद नहीं होगा. किसानों ने तय किया है कि हम यहीं रहेंगे.
नई दिल्ली: दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर 75 दिनों से अधिक समय से किसानों का आंदोलन चल रहा है. इस बीच शनिवार किसान नेताओं ने कहा कि किसानों ने तय कर लिया है कि अब वो यहीं रहेंगे. आंदोलन बंद नहीं होगा. दिल्ली-यूपी गाजीपुर बॉर्डर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए किसान संगठनों ने ये बात कही.
किसान नेताओं ने दावा किया कि 14 प्राथमिकियों के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने 122 किसानों को गिरफ्तार किया है. संयुक्त किसान मोर्चा गिरफ्तार किसानों को कानूनी और वित्तीय मदद प्रदान करेगा. कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने आरोप लगाया है कि किसानों को फर्जी मामलों में फंसाया जा रहा है, उनका उत्पीड़न किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड में शामिल हुए 16 किसान अब भी लापता हैं.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन पूरी मजबूती से चलता रहेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ अखबार बहुत उल्टा सीधा लिख रहे हैं. वो अगर नहीं सुधरे तो हम कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कहा, "संयुक्त किसान मोर्चा पूरी तरह से एकजुट है. 23 फरवरी तक के कार्यक्रम निर्धारित हैं, जिन पर हम काम कर रहे हैं. आंदोलन पूरी मजबूती से चलता रहेगा, हम अपनी रणनीति बना रहे हैं. किसानों को हताश होने की जरूरत नहीं है."
किसान नेताओं ने सराकर पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, "भारत सरकार झूठ बोलकर सारे देश को गुमराह कर रही है. सरकार कह रही है कि हमें बताया नहीं जा रहा कि इन क़ानूनों में काला क्या है. सरकार के साथ 11 बैठक करके 3 बार एक-एक क्लॉज पर बता चुके हैं कि इनमें काला क्या है."
किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब में टावर तोड़ने पर प्रधानमंत्री ने दुख जताया लेकिन 225 किसान मर चुके हैं उस पर कुछ नहीं कहा. यह आंदोलन तब तक लड़ा जाएगा जब तक हम जीतते नहीं हैं.