Congress On Sanatan Dharma: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन और डीएमके सांसद ए राजा की सनातन धर्म को लेकर की गई टिप्पणी पर कांग्रेस ने कहा कि वो इससे सहमत नहीं है. 


कांग्रेस की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए प्रवक्ता पवन खेड़ा ने गुरुवार (7 सितंबर) को कहा कि हमारी पार्टी ऐसी टिप्पणियों का समर्थन नहीं करती. उन्होंने कहा, ''हम सभी धर्मों को साथ लेकर चलते हैं. किसी धर्म को कमतर नहीं करना चाहिए. संविधान भी इसकी इजाजत नहीं देता. कांग्रेस सर्वधर्म समभाव में विश्वास करती है.''


खेड़ा ने यह भी कहा कि 'इंडिया' गठबंधन के सभी दल सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. दरअसल 28 दलों वाले विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' का हिस्सा कांग्रेस और डीएमके भी है. 


ए राजा ने क्या कहा है?
डीएमके सांसद ए राजा (A Raja) ने भी सनातन को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा, ''उदयनिधि स्टालिन ने सनातन की तुलना डेंगू और मलेरिया से करने में विनम्रता दिखाई.'' उन्होंने  इसकी तुलना एचआईवी (HIV) से कर दी. 


उदयनिधि स्टालिन ने क्या कहा था?
तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को खत्म करने का आह्वान करते हुए कहा था कि इससे समाज में असमानता और विभाजन बढ़ा है. उन्होंने इसकी तुलना मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों से की थी. 


उदयनिधि स्टालिन ने क्या सफाई दी?
उदयनिधि स्टालिन ने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि इसे तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है. इस दौरान मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर भी उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि सवाल के जवाब देने के बजाए वो दुनिया में घूम रहे हैं. 


बीजेपी क्या बोली?
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ए राजा के बयान पर कहा कि ये शर्मनाक है. ऐसा लगता है कि एचआईवी की जानकारी रखने वाले ने डेंगू और मलेरिया की दवाई ले ली. इस कारण इनका ब्रेन डैमेज हमेशा के लिए हुआ है. सनातन धर्म के बारे में ऐसी बात करने वालों को शर्म आनी चाहिए है. मुझे लगता है कि जनता के सामने इन्हें जवाब देना होगा. 


उदयनिधि स्टालिन के बयान पर भी बीजेपी हमलावर है. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस पर पूरे मामले को लेकर हमला किया था. उन्होंने कहा, ''कांग्रेस और गांधी परिवार को वास्तव में सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान में विश्वास है तो उन्हें  उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म पर की गई टिप्पणी की निंदा करनी चाहिए क्योंकि उनकी चुप्पी विवादास्पद टिप्पणियों का समर्थन करने के समान होगी.'' 


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