मुंबई: सनातन संस्था के संदिग्ध सदस्य वैभव राऊत को कल एंटी टेररिस्ट रक्वॉड (एटीएस) ने मुंबई के पास नालासोपारा से गिरफ्तार किया था. उसके घर और दुकाने से 20 देसी बम और करीब 50 बम बनाए जा सकने का सामान बरामद हुआ है. आरोप है कि वैभव मुंबई, पुणे, सोलापुर और सातारा को दहलाने की साजिश रच रहा था.


12 बम और 50 से ज़्यादा बमों का सामान
राऊत की दुकान से 12 बम के साथ ही इतनी सामग्री मिली है जिससे 50 से ज़्यादा बम बनाये जा सकते हैं. दो जिलेटिन की छडें, चार इलेट्रॉनिक डेटोनेटर, पांच नॉन इलेक्ट्रोनिक डेटोनेटर, 150 ग्राम सफेद पाउडर और 10 बैट्री भी राऊत के पास से मिली है. एटीएस सूत्रों के मुताबिक बीते कई दिनों से राऊत पर नजर रखी जा रही थी जिसके बाद बीती रात उसके घर पर छापा मारा गया.


गिरफ्तारी से खड़े हुए कई सवाल
वैभव राउत की गिरफ्तारी और उसके पास से बमों की बरामदगी ने कई सवाल खड़े किये हैं. ये बम राउत के पास कहां से आए? इनका किस साजिश के लिए इस्तेमाल होना था? वैभव राउत के साथ साजिश में कौन-कौन शामिल है? शुरुआती पूछताछ में एटीएस को इन सवालों के कुछ जवाब मिले हैं, जो कि चौंकाने वाले हैं और जिनसे ये पता चलता है कि वैभव राऊत के मंसूबे कितने खतरनाक थे.


महाराष्ट्र को था हिलाने का प्लान
एटीएस ने वैभव राऊत के साथ उसके 2 साथियों शरद कलस्कर और सुधनवा गोंधलेकर को भी गिरफ्तार कर लिया. तीनों से पूछताछ में ये पता चला कि इनका महाराष्ट्र के कई इलाकों में आतंकी हमला करने का इरादा था जिनमें मुंबई, पुणे, सातारा, सांगली और नालासोपारा जैसे इलाके थे. एटीएस सूत्रों के मुताबिक वैभव राऊत सनातन संस्था के लिये काम करता था. हालांकि, वो आधिकारिक तौर पर संस्था का सदस्य नहीं था.


गोरक्षक था रावत
राऊत के दोस्त बताते हैं कि वो इलाके में सामाजिक कार्य करता था और गोवंश की रक्षा से जुडी गतिविधियों से जुडा था. उसके किसी जानने वालों को इस बात का इल्म नहीं था कि वो किसी आंतकी वारदात को अंजाम देने की तैयारी में है. सनातन संस्था सदस्य सुनील घनवट कहते हैं, "ये वो दुकान है जहां से वैभव राउत अपने पिता का रियल एस्टेट का कारोबार संभालता था. गांव वालों की नज़र में वैभव राउत एक उत्साही युवा है जो धर्म कर्म के काम में आगे रहता था. उसके परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटा और बेटी है."


सनातन संस्था ने पल्ला झाला किया बचाव
वैभव की गिरफ्तारी के बाद सनातन संस्था ने बयान जारी कर कहा है कि वो उसका सदस्य नहीं है. लेकिन साथ ही संस्था उसके बचाव में भी उतर गई है. सनातन संस्था ने एटीएस की कार्रवाई का विरोध किया है और कहा बै कि सियासी कारणों से वैभव राऊत को फंसाया गया है. भले ही सनातन संस्था वैभव राउत को अपना सदस्य नहीं बता रही हो लेकिन उसका ये दावा गले नहीं उतरता.


पहले से बहुत बदनाम है सनातन संस्था
राउत गोवंश रक्षा समिति का सदस्य था जो की सनातन संस्था के साथ काम करती है. इसके अलावा जिस तरह से सनातन संस्था वैभव राउत के बचाव में उतरी है और उसे कानूनी मदद पहुंचा रही है उससे भी सनातन संस्था शक के दायरे में आ रही है. भले ही सनातन संस्था खुद को इस मामले से अलग रखने की कोशिश कर रही हो, लेकिन ऐसे मामलों में पहले भी सनातन संस्था का नाम आ चुका है. सनातन संस्था से जुड़े लोगों पर बम धमाके करने, हत्याएं करने से लेकर युवाओं को सम्मोहित करके उनके घरवालों से अलग करने तक के आरोप लग चुके हैं. इन्ही मामलों के चलते कई बार सनातन संस्था पर पाबंदी लगाने की मांग उठ चुकी है.


इस मामले में एटीएस ने वैभव राऊत के साथ शरद कलासकर और सुधन्वा गोंधलेकर नाम के दो और भी लोगों को भी गिरफ्तार किया है जिनपर बम बनाने में मदद करने का आरोप है. एटीएस अब वैभव राऊत के घर के इर्द-गिर्द के सीसीटीवी खंगाल रही है कि किन-किन लोगों का उसके यहां आना जाना था. पकड़े गये तीनों लोगों पर यूएपीए यानी गैरकानूनी गतिविधियां प्रतिबन्ध कानून लगाया गया है. सभी आरोपियों को सेशंस कोर्ट में पेश किया गया जहां से अदालत ने उन्हें 18 अगस्त तक एटीएस हिरासत में भेज दिया है.


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